गेहूं की तीन विधि से कटाई के अलग-अलग दाम
सुभाष डागर, बल्लभगढ़ गेहूं की फसल पक कर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। खेतों में से फसल काटने (लावण
सुभाष डागर, बल्लभगढ़
गेहूं की फसल पक कर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। खेतों में से फसल काटने (लावणी) का काम भी जोर-शोर से शुरू हो चुका है। कटाई का काम तीन विधियों से किया जा रहा है और हर विधि में ढाई हजार से लेकर चार हजार प्रति एकड़ तक अलग-अलग भाव हैं।
आज से करीब 35 वर्ष पहले गेहूं फसल काटने के लिए मशीन उपलब्ध नहीं थी। मजदूर (लावा) खेत में जब 20 पूला दरांत से काटते थे, तब जमींदार 21वां पूला उन्हें मजदूरी देते थे। इस तरह से पूरे दिन कटाई करने के बाद जमींदार शाम को मजदूर की कटाई के पूला गिनते थे और उन्हें उनकी मजदूरी के पूला देते थे। मजदूर तब अपने गेहूं को अलग से ले जाकर मशीन से थ्रे¨सग कराता था। मजदूरी का गेहूं और भूसा उसका ही होता था। करीब दो दशक पहले मजदूरों ने अपनी मजदूरी का तरीका बदल दिया। 20 वर्ष पहले मजदूरों ने एक एकड़ खेत की फसल काटने का गेहूं साढ़े तीन से चार मन (40 किलो का एक मन) मजदूरी के रूप में लेना शुरू कर दिया। अब मजदूरी की मात्रा बढ़ा कर मजदूरों ने छह से सात मन प्रति एकड़ कर दी है। समय के साथ मजदूर की मजदूरी का गेहूं और भाव दोनों बढ़ते चले गए और इसी अनुपात में किसान की लागत और मजदूरी बढ़ती चली गई। खेत में दूसरी कटाई की विधि हार्वेस्टर (इसमें खेत में कटाई के साथ ही गेहूं निकल जाता है।) मशीन है। मशीन से अभी कटाई शुरू नहीं हो पाई है। तीसरी विधि अब खेत में मजदूरों की जगह फसल काटने वाली लावणी की मशीन आ गई है। इस मशीन से खेत में फसल कटाने का प्रति एकड़ दो से ढाई हजार रुपये का भाव है। इस मशीन से फसल काटने के लिए पूला बांधने के लिए मजदूर रखने पड़ते हैं। फसल की बाद में थ्रे¨सग कराने होती है। ये मशीन जमीन पर गिरी हुई फसल को नहीं काटती है।
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हम खेत में फसल काटने का प्रति एकड़ 6 मन गेहूं दे रहे हैँ। मजदूरी के हिसाब से एक एकड़ गेहूं 1625 रुपये प्रति क्विंटल (100 किलो का एक ¨क्वटल) की दर से एकड़ का 3890 रुपये देने पड़ते हैँ।
- हरपाल ¨सह, किसान।