थक चुकी हूं पत्रकारिता से..
डियर मॉम-डैड, आइएम सॉरी, मुझमें हिम्मत नहीं अब लड़ने की। थक चुकी हूं, इस लाइफ से, पत्रकारिता से। आप
डियर मॉम-डैड,
आइएम सॉरी, मुझमें हिम्मत नहीं अब लड़ने की। थक चुकी हूं, इस लाइफ से, पत्रकारिता से। आप लोगों ने एक सच्चा पत्रकार बनाने भेजा था, वो पत्रकार जोकि अपने प्रोफेशन के साथ इंसाफ करे, सच्चाई का साथ दे। लड़ाई भी की लेकिन आज उस पैसे के आगे अपनी हार मानती हूं, फरीदाबाद की मीडिया बिकाऊ है। आज जो कदम उठा रही हूं, इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मैं नहीं चाहती मेरे जाने के बाद आप लोगों को कोई परेशान करे। आज लोग दुनिया के मम्मी पापा हैं और हमेशा रहेंगे। मैने अपने प्रोफेशन के साथ कोई गलत कभी नहीं किया। मैं सही हूं। मैंने एक ¨स्टग किया, एक नैक्सस को रिवील किया। मेरा ना ही यहां की पुलिस. न ही मीडिया ने साथ दिया।
गलती न करके भी मुझे मेरा फोन बंद करने को कहा गया। थक गई हूं लड़ते-लड़ते। ईमानदारी जर्नलिज्म में नहीं रहा पाती। हमें माफ करना। कोई साथ नहीं होता। सिर्फ पैसा और प्रभाव बोलता है। अपने आपको संभालना। मैं गलत नहीं थी, न हूं न कभी होती। आई डिड ए गुड जॉब।
ये जो कुछ भी हुआ इसका जिम्मेवार अनिल गोयल, अर्चना गोयल, पत्रकार दोस्त (वेबपोर्टल के स्थानीय पत्रकार ) और वो सारे मीडियाकर्मी हैं जिन्होंने मुझे बिकाऊ समझा और मेरे खिलाफ गलत खबर चलाई। बहुत हैरसमेंट हो गई है। कंपनी ने सस्पेंड (अंडर इंक्वायरी किया है)। मेरे बाद मेरे माता पिता को कोई दुख या परेशान न किया जाए। गलत लोगों पर कार्रवाई हो। मैं या अनुप मिश्रा गलत नहीं थे। पैसे की डिमांड नहीं हुई। न ही किसी का इन्वॉल्वमेंट रहा।
मैं एक सही और सच्ची पत्रकारिता के उद्देश्य से आगे बढ़ी और बढ़ना चाहा लेकिन पैसा और पोस्ट आज इतनी मायने रखती है कि एक पत्रकार की औकात नहीं, ईमानदारी से सच्चाई की औकात नहीं। गलत नहीं हूं, इसलिए ये कदम नहीं उठा रही हूं, लेकिन थक गई, इस गंद से लड़ते लड़ते।
आई लव यू मम्मी पापा, सौरभ
कुछ भी करो चाहे हम्माली (मजदूरी) करो लेकिन पत्रकार न बनना। अनिल गोयल अर्चना गोयल पर कार्रवाई हो, वो लोग भ्रूण हत्या में इन्वॉल्व हैं।
प्लीज डोंट टॉर्चर माई पापा, मम्मा, ब्रॉदर, फ्रेंड आमरीन और वो सभी लोग जो साथ थे.. हैं।