सूरजकुंड : जेल से मॉल का सफर तय करेगा कैदियों का हुनर
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: दिल्ली की तिहाड़ जेल की तरह हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों का हुनर भी बा
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: दिल्ली की तिहाड़ जेल की तरह हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों का हुनर भी बाजार तक का सफर तय करेगा। बहुत जल्द उनके हाथों का बनाया सामान मॉल व बाजारों में बिकता नजर आएगा। प्रदेश जेल प्रशासन ने सूरजकुंड मेले में कैदियों के बनाए सामान की प्रदर्शनी लगाकर इसकी शुरुआत कर दी है। इसे मिल रही पर्यटकों की प्रतिक्रिया से जेल प्रशासन गदगद है। जेल प्रशासन अगले साल से इस सामान को बिक्री के लिए बाजार में उतार देगा।
हरियाणा जेल प्रशासन ने करीब एक साल पहले ही जेलों में सजायाफ्ता कैदियों से घरेलू उपयोग, घरो में सजावट, खिलौने, पें¨टग, चॉकलेट, कपड़ा आदि सामान बनवाना शुरू किया है। इसके लिए कैदियों को पहले उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया गया।
अब उनका बनाया सामान पहली बार सूरजकुंड मेले में प्रदर्शित किया गया है। वैसे तो सभी जिलों की जेल में कई तरह के सामान बनाए जा रहे हैं, मगर हर जेल के कुछ सामान उनकी पहचान बन गए हैं। जींद जेल की पेंटिंग और सॉफ्ट टॉय, कुरुक्षेत्र जेल से मोमबत्ती और सजावट का सामान, करनाल जेल में पेंटिंग और कागज का बनाया सामान, रोहतक जेल का लकड़ी का सामान, फरीदाबाद जेल का जूट का सामान, सिरसा जेल से शीशे का सजावटी सामान, गुड़गांव जेल की चॉकलेट और जूट का सामान, नारनौल जेल से खादी का कपड़ा लोगों को सबसे अधिक आकर्षित कर रहे हैं।
फरीदाबाद में जेल अधीक्षक दीपक शर्मा का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए कैदियों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाना जरूरी हो गया है। उन्हें व्यस्त रखने के लिए उनको ड्यूटी की तरह से काम करवाया जाता है। जिससे उनका ध्यान काम में लगा रहे और वह अपराध के बारे में न सोचें। जब वह जेल से छूटकर समाज में जाएं तो जिम्मेदार नागरिक बनें। उन्होंने बताया कि कैदियों के बनाए सामान को बाजार में लाने के लिए जेल प्रशासन बहुत गंभीरता से लगा हुआ है। अगले साल तक यह सामान बाजार में बिकना शुरू हो जाएगा।