सीधे हो सकता है महापौर का चुनाव
बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद स्थानीय निकाय (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका) के लिए महापौर व अध्यक्ष
बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद
स्थानीय निकाय (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका) के लिए महापौर व अध्यक्ष के सीधे चुनाव की कवायद पर अंतिम रिपोर्ट 16 फरवरी को सामने आएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार फैसला लेगी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में होने वाली इस कमेटी में स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन सहित मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा भी सदस्य हैं। पंचायत चुनावों में शैक्षणिक योग्यता लागू कर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में वाहवाही ले रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी ऐसे सुधार हों, जिनका समाज पर सकारात्मक असर हो। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री चाहते हैं कि स्थानीय निकायों के लिए महापौर और अध्यक्ष चुनाव सीधे हों। उनका इसके पीछे तर्क है कि सीधे चुनाव में जीतकर महापौर या अध्यक्ष बना जनप्रतिनिधि बिना किसी दबाव के काम कर सकेगा। पांच साल के कार्यकाल में जब निचले स्तर पर पारदर्शी कामकाज होगा तो फिर उसका असर आगे भी दिखाई देगा।
मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव में सुधार के लिए अभी दो सुझाव हैं। एक तो महापौर और अध्यक्षों के लिए सीधे चुनाव और दूसरे महापौर व अध्यक्षों का कार्यकाल पांच साल से घटाकर दिल्ली की तर्ज पर सवा साल या ढाई साल कर दिया जाए। त्रिखा के अनुसार महापौर व अध्यक्षों के चुनाव सीधे कराए जाने को काफी समर्थन मिल रहा है मगर यदि इसको लागू करने में कोई तकनीकी अड़चन आई तो हम कार्यकाल पांच साल से घटाकर कम करने के पक्ष में अवश्य हैं। इससे सभी जाति, वर्ग और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को समायोजित किया जा सकेगा। बेशक मुख्यमंत्री स्थानीय निकाय चुनावों में सुधार के लिए दृढ़ संकल्प हैं मगर ज्यादातर मंत्री और विधायक नहीं चाहते कि उनके क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि ज्यादा मजबूत हों।