पर्यावरण शुल्क पर ट्रांसपोर्टर्स ने फिर आंखें तरेरी
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारी व व्यावसायिक वाहनों के दिल्ली
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारी व व्यावसायिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर पर्यावरण शुल्क के आदेश क्या दिए, ट्रांसपोर्टर्स ने एक बार फिर सरकार पर आंखें तरेर ली हैं। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि मंदी के इस दौर में पहले ही उनका कामकाज आधा रह गया है और ऊपर से शासन व प्रशासन स्तर पर हर मामले में ट्रांसपोर्टर्स पर गाज गिराई जा रही है। इसका असर उद्योग-व्यापार के साथ-साथ आम जनता पर भी पड़ेगा क्योंकि भाड़ा महंगा होगा तो महंगाई भी बढ़ेगी। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि सरकार ट्रांसपोर्टर्स के हितों की अनदेखी कर रही है। दिल्ली से बाहर जाने के लिए जब तक वैकल्पिक मार्ग नहीं बन जाते तब तक एनजीटी का आदेश स्थगित रहना चाहिए।
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कानूनी पहलुओं पर भी करेंगे विचार
एनजीटी के आदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाली एक गाड़ी पर 500 से 1000 रुपये तक पर्यावरण शुल्क लगेगा। फरीदाबाद में 18 से 20 हजार ऐसे वाहन हैं जो व्यावसायिक वाहनों की श्रेणी में आते हैं। हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों में इनमें आधे से अधिक प्रतिदिन दिल्ली में प्रवेश करते हैं। ऐसे में इस प्रतिस्पर्धा के समय में यदि एक वाहन चालक को 500 से एक हजार रुपये तक अधिक देने पड़े तो निश्चित रूप से ट्रांसपोर्टर्स का काम बंद हो जाएगा। मंदी और प्रतिस्पर्धा के कारण अब ट्रांसपोर्टर्स भाड़ा बढ़ाने की स्थिति में भी नहीं हैं।
-सुभाष कौशिक, महासचिव, ऑल फरीदाबाद ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन।
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एक्सप्रेस-वे शुरू करने तक मिले छूट
कुंडली मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली गाजियाबाद-पलवल (केजीपी)एक्सप्रेस वे शुरू करने तक इस तरह के किसी भी टैक्स से ट्रांसपोर्टर्स को छूट मिलनी चाहिए। ट्रांसपोर्टस का यह मूलभूत अधिकार है कि वैकल्पिक मार्ग न होने की दशा में वे दिल्ली से बिना कोई शुल्क दिए दिल्ली से होते हुए दूसरे राज्यों में निकलें। हां, यदि केएमपी और केजीपी एक्सप्रेस वे शुरू हो जाता है तो भारी और व्यवसायिक वाहन दिल्ली से अपने आप ही नहीं गुजरेंगे क्योंकि ज्यादा यातायात होने के कारण दिल्ली में जाम रहता है तथा इसके चलते ट्रांसपोर्टर्स को ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है। अब यह पर्यावरण टैक्स एकदम अनुचित है।
-दिनेश भाटिया, ट्रांसपोर्टर, फरीदाबाद।
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मंदी में सख्ती को अनुचित ठहरा रहे हैं व्यापारिक संगठन
व्यापार मंडल फरीदाबाद के प्रधान जगदीश भाटिया का कहना है कि औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा सहित पानीपत, सोनीपत से माल का आवागमन दिल्ली होकर होता है। ऐसे में इस तरह के कर न सिर्फ ट्रांसपोर्टर्स का धंधा चौपट करेंगे बल्कि उद्योग और व्यापार जगत का भी नुकसान करेंगे। वैश्विक मंदी में जब सब व्यापारी और उद्योगपति अपने उद्योग-व्यापार को स्थायित्व देने का भरसक प्रयास कर रहे हैं तब इस तरह की सख्ती अनुचित है।