किसानों ने रुकवाया ईस्टर्न पेरीफेरल हाइवे का काम
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: अधिगृहित जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने ईस्टर्न
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:
अधिगृहित जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल (केजीपी) हाइवे के चल रहे कार्य को रुकवा डाला। बृहस्पतिवार को गांव फज्जूपुर में किसान संघर्ष समिति की बैठक में नौ गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया। बैठक में किसानों ने काम रोकने का फैसला किया। किसानों ने प्रशासन को मुआवजा न मिलने तक हाइवे का कार्य न होने देने की चेतावनी दी है। यमुना के साथ बनने वाले ईस्टर्न पेरीफेरल हाइवे के लिए 2008 में किसानों की 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण की थी। इसके बाद किसानों की ओर से न्यायलय में याचिका दायर करने के बाद मुआवजा बढ़ाकर 24 लाख रुपये कर दिया। अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास शिकायत करने पर मुआवजा व्याज सहित 30 लाख 20 हजार रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया। समिति के संयोजक राजेश भाटी ने बताया कि अब किसानों ने दो करोड़ रुपये
प्रति एकड़ से मुआवजा की मांग करते हुए अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास केस डाल दिया। पलवल में 62 लाख रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया गया है, लेकिन फरीदाबाद के किसानों की दो दिसंबर की तारीख लगी हुई है। इससे पहले ही हाइवे का काम शुरू कर दिया। इस मामले को लेकर किसान संघर्ष समिति के
किसानों की गांव फज्जूपुर में बैठक हुई। जिसमें मोहना, हीरपपुर, छांयसा, मौजपुर, अटाली, अरुआ, साहूपुरा खादर, फज्जूपुर व शाहजहांपुर गांवों के किसानों ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिलने तक हाइवे का काम शुरू नहीं होने देने का फैसला लिया है। इसके बाद फज्जूपुर के पास यमुना में हाइवे का पुल बनाने के लिए चल रहे काम को किसानों ने मिलकर बंद करा दिया है। जब तक मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक हाइवे का कार्य शुरू नहीं होने देंगे।
गांव फज्जूपुर में किसानों द्वारा हाइवे का काम रुकवाने के बारे में मुझे कोई सूचना नहीं मिली है। ईस्टर्न पेरीफेरल हाइवे के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के मुआवजे का मामला न्यायालय में है। इस बारे में किसानों से मिलकर ही आगे की जानकारी दी जा सकेगी।
- डा. आदित्य दहिया, अतिरिक्त जिला उपायुक्त फरीदाबाद।