अभी तक नहीं छोड़े यमुना घाट पट्टे पर
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : मानसून का मौसम शुरू होने वाला है। यमुना में भी अब धीरे-धीरे जलस्तर बढ
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : मानसून का मौसम शुरू होने वाला है। यमुना में भी अब धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। पंचायत समिति ने अभी तक घाट पट्टे पर नहीं छोड़े हैं। दो घाटों पर अभी भी पुराने ठेकेदार के कर्मचारी नाव चला रहे हैं।
खंड पंचायत समिति हर वर्ष यमुना के घाटों को फरवरी-मार्च में पट्टे पर छोड़ देती है। इसके बाद नए ठेकेदार के कर्मचारी घाटों पर नाव चलाते हैं और लोगों से किराया वसूल करते हैं। इस वर्ष पंचायत समिति ने गांव साहुपुरा और शाहजहांपुर के घाटों को पट्टे पर नहीं छोड़ा है। 1996 में यमुना में जून के महीने में जलस्तर बढ़ने के कारण मोहना घाट पर नाव पलट गई थी और इसमें घटना में करीब 14 यात्री डूब कर मर गए थे। इसी तरह से 6 जुलाई 2006 में यमुना में जलस्तर बढ़ने से छांयसा घाट पर नाव पलट गई थी। इस घटना में छह लोगों की डूब कर मौत हो गई थी। यमुना में 2013 में भी जून में बाढ़ आई थी। अब मानसून का मौसम शुरू हो चुका है। कभी भी बरसात हो सकती है और नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में इन दोनों घाटों पर कोई नाव पलट गई और कोई दुर्घटना घट गई तो पुराने ठेकेदार के कर्मचारी अपने सामान को लेकर फरार हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में प्रशासन किस के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
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यमुना के मंझावली और छांयसा घाट को पट्टे पर छोड़ा जा चुका है। अभी शाहजहांपुर और साहुपुरा घाट पट्टे पर छोड़ने शेष बचे हैं। इन दोनों घाटों को भी जल्द ही पट्टे पर छोड़ दिया जाएगा। दोनों गांवों के सरपंचों से घाटों पर लगातार नजर बनाए रखने के लिए कहा हुआ है। समय-समय पर पंचायत सचिव भी दौरा करके स्थिति का जायजा लेते रहते हैं।
-उपमा अरोड़ा, खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी, बल्लभगढ़।