शिक्षा अधिकारी के फरमानों का विरोध
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग तथा हरियाणा अभिभावक एकता मंच की ओर से निजी
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग तथा हरियाणा अभिभावक एकता मंच की ओर से निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ चल रही सख्ती को देखते हुए हरियाणा प्राइवेट स्कूल कांफ्रेंस(एचपीएससी) आगे आ गई है। निजी स्कूलों के संगठन एचपीएससी ने सोमवार को सेक्टर 16ए स्थित ग्रैंड कोलंबस स्कूल में बैठक की। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी फरमान के खिलाफ हाईकोर्ट में रिव्यू याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के निजी स्कूलों के प्रधानाचार्य को परेशान किए जाने के मामले पर चर्चा की गई। बैठक में एकजुटता पर बल दिया गया। चर्चा हुई कि गलत आदेश को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए स्कूल संचालकों को जो भी कदम उठाना पड़ेगा, वो उठाया जाएगा। चाहे इसके लिए स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद क्यों न करना पड़े। बैठक कांफ्रेंस के प्रदेशाध्यक्ष एसएस गोसाईं की अध्यक्षता में हुई। बैठक में शिक्षा का अधिकार कानून तथा गरीबों को निजी स्कूलों में दाखिला देने के मुद्दे पर भी बातचीत हुई। एसएस गोसाईं ने कहा कि शिक्षा विभाग व प्रशासनिक अधिकारी निजी स्कूलों में करीब 45 फीसच् बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने के लिए जो रास्ता अपना रहे हैं, वह उचित नहीं है।
बैठक में यह भी लिया गया फैसला
जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से नजी स्कूलों को दिए गए पत्र को यदि वापस नहीं लिया तो एचपीएससी उसका आगे भी विरोध करेगा। बैठक में एचपीएससी के जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र, जिला सचिव डा. सुमित वर्मा, एचएस मलिक, साकेत भाटिया व बीडी शर्मा, सीएल गोयल, एसएस चौधरी, मनोरमा अरोड़ा, डा. सुभाष श्योराण, यूएस वर्मा, दीपक यादव, यमुनानगर से कर्नल एमएस साहनी, रोहतक से अंशुल पठानिया, डा. रवि गुगनानी, सोनीपत से आशीष, गुड़गांव से कर्नल प्रताप व मुकेश डागर, पलवल से युद्धवीर ¨सह तथा हिसार से कर्नल केएस सैनी मौजूद थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने टीएमए पाई बनाम कर्नाटक सरकार में 11 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने निर्देशित किया हुआ है कि गैर-सहायता प्राप्त निजी क्षेत्र के स्कूलों को अपनी फीस निर्धारित करने की स्वायतता मिलनी चाहिए। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है कि निजी क्षेत्र के स्कूलों की आय से एकत्रित धन पर अकुंश नहीं लगाया जा सकता है। हर स्कूल को विकास एवं विस्तार के लिए धन की आवश्यकता होती है। ऐसे में जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
-एसएस गोसाईं, अध्यक्ष, -हरियाणा स्कूल प्रोग्रेसिव कांफ्रेंस।