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तीन दिन की छुट्टियों में भू-माफिया की पौ-बारह

बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद : तीन दिन की छुट्टी एक साथ मिल जाए तो ये सरकारी अधिकारियों के लिए परिवार के

By Edited By: Published: Mon, 26 Jan 2015 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jan 2015 02:52 AM (IST)
तीन दिन की छुट्टियों में भू-माफिया की पौ-बारह

बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद : तीन दिन की छुट्टी एक साथ मिल जाए तो ये सरकारी अधिकारियों के लिए परिवार के साथ आराम का मौका होती हैं, मगर यही छुट्टियां अवैध निर्माण या सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के लिए सुनहरा मौका होती हैं।

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सेक्टर-22 के श्मशान घाट के समक्ष बेशकीमती विवादित सरकारी जमीन पर भू-माफिया शुक्रवार शाम से ही सोमवार (26 जनवरी) तक लगातार निर्माण करा रहे हैं। माफिया ने रातोंरात यहां सात फुट ऊंची नई दीवार बना दी है। इतना ही नहीं यह दीवार पुरानी दिखे इसके लिए माफिया ने सीमेंट भी पुतवा दी है।

ऐसा भी नहीं है कि इस निर्माण की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है, मगर तीन दिन की सरकारी छुट्टी उनकी ढाल बन गई है। असल में बिना नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के माफिया एक ईट भी नहीं लगा सकता। प्रशासनिक कामकाज में बेशक कम अमले का रोना रोया जाता रहा हो मगर तोड़फोड़ दस्ते की तरफ से कभी अपना दस्ता बढ़ाने की बाबत नहीं कहा गया। कारण है कि एक तोड़फोड़ अधिकारी के लिए कुछ पार्षद से लेकर क्षेत्र के अन्य तथाकथित समाजसेवी भी बिचौलिये का काम करते हैं।

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आरटीआइ कार्यकर्ता ने दी अधिकारियों को जानकारी

आरटीआइ कार्यकर्ता वरुण श्योकंद ने बल्लभगढ़ के संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार और तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ अशोक रावत को भी इस बाबत सूचना दी। संयुक्त आयुक्त ने पहले तो आरटीआइ कार्यकर्ता को मंगलवार अपने कार्यालय में इस शिकायत के लिए आमंत्रित किया मगर बाद में अपने पास स्थान नोट कर लिया। एसडीओ अशोक रावत ने निर्माण को अवैध बताते हुए आश्वस्त किया कि मंगलवार को पुलिस फोर्स लेकर वे इस निर्माण को तोड़ देंगे।

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अवैध निर्माण के प्रति संवेदनशील नहीं प्रशासन

जिला प्रशासन अवैध निर्माणों के प्रति संवेदनशील नहीं है। पहले हार्डवेयर चौक पर रिहायशी जमीन पर वाणिज्यिक निर्माण फिर सेक्टर-55 से लगती फैक्टरी एवन की जमीन में अवैध वाणिज्यिक स्थल बनाने और ओल्ड फरीदाबाद चौक पर पुरानी फैक्टरी की जमीन पर वाणिज्यिक स्थल विकसित करने का मामला प्रशासन के समक्ष आ चुका है मगर प्रशासनिक अधिकारियों ने हार्डवेयर चौक के मामले को छोड़ दें तो किसी में भी संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा है। इससे अवैध निर्माणकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं।


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