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पहले दिए प्लाट, अब छीनने की तैयारी

संजीव मंगला, पलवल : गांव धौलागढ़ के 110 गरीब लोगों को अपना आशियाना बनाने के लिए राज्य सरकार की महा

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 03:18 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 01:06 AM (IST)
पहले दिए प्लाट, अब छीनने की तैयारी

संजीव मंगला, पलवल :

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गांव धौलागढ़ के 110 गरीब लोगों को अपना आशियाना बनाने के लिए राज्य सरकार की महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100-100 गज के प्लाट तो आवंटित कर दिए गए थे, कब्जा भी दे दिया, पर अब इन लाभार्थियों पर सरकार ही गाज गिराने जा रही है। इनका आशियाना बनना तो दूर, इनको दिए गए प्लाट वापस लेने की तैयारी हो चुकी है।

योजना के तहत 1 सितंबर, 2011 को इन 110 लाभार्थियों को उपमंडल नागरिक अधिकारी, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा सरपंच ने आवंटन पत्र जारी किए थे। 22 सितंबर, 2014 को लाभार्थियों के पक्ष में वसीका दान पत्र भी पंजीकृत करा दी गई। कुछ लाभार्थियों ने निर्माण भी शुरू करा दिए, परंतु इन लोगों की आशाओं पर उस समय पानी फिरता नजर आया, जब उन्हें सहायक कलेक्टर (प्रथम श्रेणी) पलवल की अदालत का समन प्राप्त हुआ। समन में उन्हें बताया गया कि पलवल की खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने उनके खिलाफ पंजाब विलेज कॉमन लैंड एक्ट 1961 की धारा 10ए के तहत गिफ्ट डीड का पंजीकरण रद करने का मामला दायर कर दिया है। इस मामले में सुनवाई की तारीख 27 नवंबर मुकर्रर की गई है।

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ग्राम पंचायत ने प्लाट सही व नियमानुसार काटे थे। आवंटन पत्र पर भी उच्चाधिकारियों के हस्ताक्षर है। इनकी पुन: जांच भी की गई थी। गिफ्ट डीड भी संयुक्त रजिस्ट्रार कार्यालय से हुई है। कब्जा देने भी बीडीपीओ कार्यालय की टीम आई थी।

- हरीचंद, सरपंच, ग्राम पंचायत धौलागढ़।

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वर्ष 2004-05 की जमाबंदी की अनुसार धौलागढ़ की भूमि मुतनाजा मुस्तकील नंबर 10, किला नंबर 17, 23, 24 व मुस्तकील नंबर 15 का किला नंबर 4 की मालिक ग्राम पंचायत धौलागढ़ है। सरकार की हिदायत अनुसार महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सरकार की हिदायत के अनुसार पात्र व्यक्तियों को साजिश के तहत दिया गया है। भूमि का चयन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से तथ्यों को छिपाकर करवा लिया गया है। यह भूमि विकास प्लान 2021 पलवल के अधीन 75 मीटर सड़क व 25 मीटर ग्रीन बेल्ट में आती है, जो प्लाट आवंटित करने के लिए उपयुक्त नहीं थी। अधिकारी को सही तथ्यों से अवगत कराए बिना कब्जा भी लाभार्थियों को 23 दिसंबर, 2013 को दे दिया गया। लाभार्थियों को सूचित करने के बावजूद भी उन्होंने दानपात्र रजिस्ट्री को नियमानुसार रद नहीं करवाया। इसलिए मुकदमा दायर किया गया।

- उपमा अरोड़ा, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी।


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