जिला में उपलब्ध नहीं है यूरिया खाद, किसान परेशान
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : गेहूं की सिंचाई का काम शुरू हो गया है। पहला पानी लगाया जा रहा है। जिल
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ :
गेहूं की सिंचाई का काम शुरू हो गया है। पहला पानी लगाया जा रहा है। जिले में यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूरिया खाद का भंडारण नहीं हो पाया। अब जैसे-जैसे यूरिया आएगा, वैसे-वैसे ही वितरित किया जाएगा।
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अनाज मंडी स्थित इफको केंद्र पर मंगलवार को यूरिया खरीदने के लिए आए, लेकिन यूरिया नहीं मिला। वे फिर शहर में दूसरी दुकानों पर यूरिया खरीदने के लिए गए। उन्हें निजी खाद विक्रेताओं के पास भी यूरिया नहीं मिला।
- खुर्शीद, खंदावली।
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सरकार अपने आपको गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी वर्ग की हिमायती बताती है, लेकिन सही मायने में यह किसी भी हिमायती नहीं है। सरकार ने यूरिया खाद का अभी तक भंडारण नहीं किया। जबकि अब गेहूं में पहला पानी लगाया जाएगा। पानी से पहले पानी पर गेहूं में यूरिया खाद डाला जाता है।
- कमल, हरफली।
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यूरिया खाद के लिए गांवों में कृषि प्राथमिक सहकारी समितियों पर जाते हैं तो वे पहले पुराने भंडार को थोपना चाहते हैं। अभी से यदि यूरिया की किल्लत शुरू हो जाएगी तो फिर गेहूं की भूड़ और पोखारे का काम कैसे पूरा किया जाएगा।
- जगबीर, लढौली।
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यूरिया खाद के रैक आने के बारे में अभी सिर्फ कह रहे हैं, यह पता नहीं है कि कब तक आएगा। गेंहू में पहला पानी बुवाई के 21 दिन बाद लगाया जाता है। किसान पानी तब लगाते हैं, जब यूरिया मिल जाता है। क्योंकि यह खाद चिपक पर डालना पड़ता है। अब यह पता नहीं खाद कब तक आएगा।
- सुरेंद्र, मोहना।
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कृषि विभाग ने सरकार से 10 हजार टन यूरिया की मांग जुलाई में की थी। यूरिया का वितरण भी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा। सरकार की हिदायतों के अनुसार 80 फीसद सहकारी समितियों और 20 फीसद निजी विक्रेताओं के माध्यम से यूरिया खाद दिया जाता है।
- महावीर सिंह, जिला कृषि उपनिदेशक, फरीदाबाद।