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रात का रिपोर्टर: खंभे जैसी खामोश खड़ी रहती है ट्रैफिक लाइट

सुनील गौड़, फरीदाबाद : राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों के दबाव को कम करने के मकसद से बनाए गए 35 किलोमीटर

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 06:02 PM (IST)
रात का रिपोर्टर: खंभे जैसी खामोश खड़ी रहती है ट्रैफिक लाइट

सुनील गौड़, फरीदाबाद : राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों के दबाव को कम करने के मकसद से बनाए गए 35 किलोमीटर लंबे बाइपास रोड पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बदरपुर बार्डर के पास सेक्टर-37 से शुरू होकर सेक्टर-59 कैलगांव तक फैली इस सड़क के प्रमुख चौक-चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइट खंभे जैसी खामोश ही खड़ी रहती हैं। ट्रैफिक लाइटों की कमी की भरपाई के लिए कोई पुलिस वाला या यातायात पुलिस भी नहीं दिखाई देती है। ऐसी दशा में इस सड़क पर अक्सर हादसे होते हैं। खासकर रात के अंधेरे में स्थिति और बदतर हो जाती है। रात के रिपोर्टर ने सोमवार रात खेड़ी पुल से पल्ला चौक तक का हालात का जायजा लिया।

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खेड़ी पुल

समय- रात 9:15

इस चौक से शहर और ग्रेटर फरीदाबाद की कनेक्टिविटी होने के कारण वाहनों की लाइन लगी है, लेकिन इस व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक लाइट नहीं है। कोई यातायात पुलिसकर्मी भी नहीं दिखाई दे रहा। पास ही पुलिस चौकी है, लेकिन पुलिस वाले अंदर ही बैठे हैं। एक दुकानदार ने बताया कि दिन में तो चौराहे पर पुलिस वाले यातायात को संभालते दिखते हैं, लेकिन रात में आठ बजे के बाद यहां कोई नहीं होता।

सेक्टर-28-29 चौक

समय-रात के 9:20

यह चौक भी कम व्यस्त नहीं है। हुडा ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक लाइट लगाई है, लेकिन ये कई दिनों से खराब है। वाहन चालक अपने हिसाब से चल रहे हैं। हमारे देखते ही देखते एक कार वाला एक साइकिल सवार को टक्कर मारकर फरार हो गया। टक्कर से साइकिल का पहिया तो टूट गया, लेकिन गनीमत रही कि साइकिल सवार की जान बच गई।

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एसओएस चौक

समय- रात के 9:30

यह चौक भी काफी व्यस्त रहता है। चौक के पास ही एसओएस स्कूल और पुलिस लाइन है। पुलिस लाइन होने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों का आना-जाना भी लगा रहता है। लेकिन यहां भी ट्रैफिक लाइट खराब पड़ी है। इस चौराहे पर भी वाहन चालक अपनी मर्जी के मालिक हैं। एक कार चालक के मुताबिक ट्रैफिक लाइट अक्सर खराब रहती है।

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गांव एतमादपुर चौक

समय- रात के 9:45

इस चौराहे के पास शहर की वीआइपी इंद्रप्रस्थ कालोनी बसी है। हर लिहाज से यह चौक अति व्यस्त माना जाता है। पास ही सब्जी मंडी लगती है, बावजूद यहां पर यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। ना तो पुलिसकर्मी रहते हैं और ना ही यातायात संचालन के लिए ट्रैफिक लाइट लगी है। एक सब्जी बेचने वाला बताता है कि अव्यवस्था के चलते यहां हर रोज सड़क हादसे होते हैं।

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इंद्रप्रस्थ कालोनी, गेट नंबर-2

समय-रात 10:00

हुडा की अनदेखी के कारण इंद्रप्रस्थ कालोनी के गेट नंबर-2 से एनएचपीसी चौक तक बुरा हाल है। सड़क की बाएं तरफ की स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और ट्रैफिक लाइट भी नहीं जल रही हैं।

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पल्ला चौक

समय-रात के 10:15

पल्ला चौक दिल्ली बदरपुर बार्डर से एक किलोमीटर की दूरी पर है। बाइपास पर ही सब्जी मंडी लगी हुई है। लोगों का आना-जाना जारी है। चौराहे के एक तरफ लगी हाईमास्टलाइट भी खराब है। ट्रैफिक लाइट खराब होने के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। एक स्कार्पियो गाड़ी की तिपहिया से भिड़ंत हो जाती है। चोट किसी को नहीं लगी लेकिन दोनों के चालकों में कहासुनी होने लगती है। कुछ लोग बीचबचाव कराते हुए दोनों का झगड़ा खत्म कराते हैं।

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हुडा ने बाइपास रोड पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। लोगों की सहूलियत के लिए चौक-चौराहों पर ट्रैफिक लाइट भी लगाई हैं। अगर ट्रैफिक लाइट और स्ट्रीट लाइट खराब हैं तो उन्हें संबंधित अधिकारी को पत्र लिखकर दुरुस्त करा दिया जाएगा।

- भूपेंद्र सिंह, कार्यकारी अभियंता, हुडा।


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