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ऐसे मनाएं दीपावली

दीपावली के नाम से ही स्पष्ट है कि यह दीपों का त्योहार है। हम सबको यह त्योहार हर्षोल्लास और दीपों की

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 07:12 PM (IST)
ऐसे मनाएं दीपावली

दीपावली के नाम से ही स्पष्ट है कि यह दीपों का त्योहार है। हम सबको यह त्योहार हर्षोल्लास और दीपों की रोशनी के साथ मनाना चाहिए। इसके मौलिक स्वरूप को बिगाड़ने से त्योहार की मौलिकता खत्म होती है। हम सभी को यह कामना करनी चाहिए कि यह त्योहार हमारे जीवन में खुशियां भर दे। दशहरा मैदान के हादसे को हम पर्यावरण की दृष्टि से अपने बच्चों को बताएं तथा अपने बड़े त्योहार को कैसे मनाएं इस बाबत बताएं।

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-प्रमोद गुप्ता,

प्रमुख समाजसेवी,

सेक्टर-21

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मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ हूं। हमारी पृष्ठभूमि में त्योहार की पौराणिकता के आधार पर मान्यता है। हमने दीपावली के बारे में जो सुना या पढ़ा है, वह है कि जब हम खुश होते हैं तो घर आंगन में घी के दीपक जलाकर खुशी प्रकट करते हैं। हमारी यह खुशी दूसरों को भी प्रसन्न करती रही है मगर अब जब हम पटाखे छोड़कर वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं तो निश्चित तौर पर हम दूसरों की खुशी छीनने का काम करते हैं। इसलिए मेरा सभी से निवदेन है कि बिना पटाखों के दीपावली का त्योहार मनाएं।

-सुभाष चौधरी,

चेयरमैन, एसआरसी ग्रुप।

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दीपावली के त्योहार पर हमें शहर में एक दुखद हादसे से त्रस्त रहना पड़ा। हम चाहते हैं कि इस हादसे के बारे में एक बार सोचकर हम दीपावली के त्योहार को मनाएं। इस त्योहार को हम अपने आसपास के लोगों के साथ मिलकर मनाएं मगर पर्यावरण प्रदूषित नहीं करें। इस त्योहार की सार्थकता तब है जब हम अपने आसपास की जगह साफ रखें, स्वच्छता बनाए रखें। इस दीपावली पर हम सबको प्रदूषण रहित त्योहार मनाकर एक नजीर प्रस्तुत करनी चाहिए।

-विजय सिंह दहिया,

जिला उपायुक्त,

फरीदाबाद।

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दीपावली के त्योहार को हम सबको मिलकर मनाना चाहिए। इसमें पर्यावरण को दूषित करने वाले पटाखों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं इस त्योहार को हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से जोड़कर देखना चाहिए क्योंकि गंदगी फैलने से भी त्योहार की सार्थकता कम होती है। जो लोग लक्ष्मी जी के आगमन के लिए अपने घर की सफाई करते हैं उन लोगों को यह भी सोच लेना चाहिए कि लक्ष्मी जी घर के बाहर पड़ी गंदगी के कारण भी नहीं आएंगी। इसलिए पहले घर के बाहर की गंदगी को दूर करना चाहिए।

-विनोद नागर,

चेयरमैन,

एसडी कालेज, तिगांव।

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इस बार मैंने अपने सभी मित्रों, रिश्तेदारों से आग्रह किया है कि वे प्रदूषण रहित दीपावली मनाएं। मेरा आग्रह दैनिक जागरण के माध्यम से भी सभी के बीच जाए। वातावरण में बढ़ता प्रदूषण हम सबके लिए खतरनाक है। इससे हमें कितना कष्ट होता है, इसके बारे में भी एक दूसरे से चर्चा करनी चाहिए। तभी इस त्योहार को हम सादगी और खुशियों के साथ मनाएंगे।

-सीए संतोष गुप्ता,

फरीदाबाद।

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दीपावली के त्योहार से कुछ दिन पहले से ही हम सब मित्रों से मिलते हैं, फिर दीपावली के दिन हमारे कुछ साथी पटाखे भी छोड़कर अपनी खुशी का इजहार करते हैं। मैं सिर्फ एक सवाल के साथ अपना आग्रह सभी से निवेदित करना चाहूंगा कि जब हम मित्रों से गले मिलते हैं तब ज्यादा खुश होते हैं या फिर जब हम पटाखे छोड़ते हैं तब। इस बात को सभी सोचें और इस बार हम सभी के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें कि दीपावली का त्योहार प्रदूषण मुक्त हो जाए।

-जेके गर्ग,

निदेशक,

एसआरएस ग्रुप।


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