नेताओं ने बदली आस्था, जनता ने नहीं
फोटो एफआरडी-5, 5ए, 5बी, 5 सी जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :टिकट न मिलने पर नेताओं ने तो आस्था बदलकर दूस
फोटो एफआरडी-5, 5ए, 5बी, 5 सी जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :टिकट न मिलने पर नेताओं ने तो आस्था बदलकर दूसरी पार्टी की टिकट हासिल कर ली, लेकिन उनके साथ साथ क्षेत्र की जनता ने आस्था नहीं बदली। यही वजह रही कि आखिरी मौके पर पार्टी बदलने वाले नेताओं को जीत मिलना तो दूर, वोट भी काफी कम मिले।
बड़खल विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक चंदर भाटिया को जब भाजपा ने टिकट नहीं दी तो उन्होंने झट से इनेलो का दामन थाम लिया और इनेलो की टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतर गए। दिलचस्प यह रहा कि इसी क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट न मिलने के कारण वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री एसी चौधरी ने भी पार्टी छोड़ दी और इनेलो में शामिल हो गए। उन्होंने भी चंदर भाटिया के लिए शहर में घूम घूम कर वोट मांगे, जबकि इससे पहले भाटिया और चौधरी एक दूसरे के सामने लड़ते रहे हैं। बड़खल क्षेत्र के दो दिग्गजों ने मिलने के बावजूद जनता ने उनका साथ नहीं दिया और चंदर भाटिया को केवल 8377 वोट ही मिले। वह भाजपा की सीमा त्रिखा की जीत को कतई प्रभावित नहीं कर पाए। इसी सीट से धर्मवीर भड़ाना कांग्रेस छोड़ कर बसपा में शामिल हुए थे। हालांकि उन्होंने उम्मीद से अधिक वोट हासिल किए, लेकिन जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाए।
फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर दूसरे नंबर पर रहे प्रवेश मेहता का भी पार्टी बदलना लोगों को रास नहीं आया। उन्होंने भी भाजपा छोड़ कर इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 12237 वोट ही मिले, जबकि उन्हें 22903 वोट मिले थे।
पिछले चुनाव में एनआइटी से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के बाद कांग्रेस सरकार में शामिल होकर मंत्री रहे शिवचरण लाल शर्मा द्वारा आखिरी वक्त पर फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ना भी लोगों को रास नहीं आया। शर्मा कड़े मुकाबले में इनेलो के नगेंद्र भड़ाना से चुनाव हार गए।