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जागरण लाइव : एंबुलेंस पड़ी खराब, मरीज ले जाए जा रहे आटो में

साक्षी छाबड़ा, पलवल : अरे जाओ जल्दी कोई आटो लेकर आओ, मेरी बहू की डिलीवरी हुई है और उसे दौरा भी पड़ गय

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 01:05 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 01:05 AM (IST)
जागरण लाइव : एंबुलेंस पड़ी खराब, मरीज ले जाए जा रहे आटो में

साक्षी छाबड़ा, पलवल : अरे जाओ जल्दी कोई आटो लेकर आओ, मेरी बहू की डिलीवरी हुई है और उसे दौरा भी पड़ गया है। उसे बाहर के किसी अस्पताल में ले जाना होगा। कहीं देरी हो गई, तो बात बिगड़ सकती है।

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यह कहते कहते एक महिला अस्पताल के मुख्य द्वार से बाहर आ रही थी कि अचानक उसे लीला ने रोक लिया और कहा कि क्यों भई अस्पताल में कोई एंबुलेंस नहीं है क्या। बाहर इतनी सारी एंबुलेंस खड़ी हैं, उनको मरीज के साथ भेज दो। मरीज आटो में जाने की स्थिति में नहीं है। इतने में किसी की आवाज आती है कि एंबुलेंस खराब पड़ी हैं।

यह दृश्य सोमवार को जिला सामान्य अस्पताल का था, जहां खराब पड़ी एंबुलेंस के कारण मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने में समस्या हो रही थी।

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दृश्य-1, स्थान- जिला सामान्य अस्पताल, समय-10.30

यहां पर मरीज के परिजन और अस्पताल में कार्यरत यशोधा नर्स एक महिला को बाहर की ओर लेकर आ रहे हैं। महिला को डिलीवरी के बाद दौरा पड़ रहा है। महिला की हालत ठीक न होने के कारण उसे अस्पताल से बाहर इलाज के लिए रेफर किया गया है। यहां उसको ले जाने के लिए अस्पताल की कोई भी गाड़ी उपलब्ध नहीं है।

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दृश्य-2, समय-10.40

महिला को एक आटो द्वारा ले जाया जा रहा है। अस्पताल में लगभग सभी एंबुलेंस खराब पड़ी हैं, जिसके कारण वहां आ रहे सभी मरीजों को निजी वाहनों द्वारा ही लाया ले जाया जा रहा है।

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दृश्य-3, समय-10.50

अस्पताल के पार्किंग एरिया में एंबुलेंस तो खड़ी हैं, पर न तो उनके पास कोई चालक खड़ा है और न ही यह पता चल पा रहा है कि यह जाने की स्थिति में हैं, या नहीं। मालूम करने पर पता चलता है कि एंबुलेंस कई दिनों से खराब पड़ी हैं। एंबुलेंस के खराब होने से स्वास्थ्य विभाग की गर्भवती महिलाओं को घर से लाने और नवजात शिशु सहित उन्हें वापस छोड़ने का काम भी ठप पड़ा है।

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अस्पताल में इतनी सारी एंबुलेंस खड़ी हैं, पर सभी खराब हैं। इनके खड़े रहने का मरीजों को क्या लाभ मिल रहा है। विभाग को इन्हें ठीक करवाना चाहिए ताकि मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा अस्पताल द्वारा दी जाए।

-सुनीता, मरीज की परिजन।

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मेरी बहू को अभी बच्चा हुआ है, उसकी तबियत सही नहीं है, इसलिए हम उसे बाहर ले जा रहे हैं। अस्पताल में एंबुलेंस का प्रबंध न होने के कारण आटो द्वारा ले जाना पड़ रहा है। मरीज की हालत आटो में ले जाने योग्य नहीं, पर हम मजबूर हैं।

-मुख्तयारी, मरीज की परिजन।

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जो भी एंबुलेंस खराब हैं, उनको ठीक करवाया जा रहा है। कुछ ही दिनों में सारी एंबुलेंस ठीक होकर कार्य पर लग जाएंगी। फिलहाल मरीजों को हो रही परेशानी के लिए खेद है।

-डा. राजेंद्र प्रसाद, जिला सिविल सर्जन सामान्य अस्पताल पलवल।


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