पार्टियों की रणनीति : पंजाबियों का दिल जीतने में जुटी इनेलो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:
इंडियन नेशनल लोकदल ने रविवार को एक तीर से दो शिकार किए। उन्होंने जहां भाजपा में टिकट बंटवारे से नाराज नेताओं को लपकने की कोशिश की, वहीं इस बहाने पंजाबी मतदाताओं को भी लुभाने की कोशिश की। जिले में दो सीटें ऐसी हैं, जिन पर पंजाबी समुदाय अब तक दावा करता रहा है। इनमें बड़खल और फरीदाबाद प्रमुख है। इन दोनों सीटों पर भाजपा के दो मजबूत दावेदार टिकट का दावा कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने बड़खल से केवल सीमा त्रिखा को टिकट दी। हालांकि सीमा त्रिखा की दावेदारी महिलाओं के कोटे से भी बनती है, जबकि पिछली बार भाजपा ने बड़खल और फरीदाबाद से दो पंजाबी उम्मीदवार उतारे थे।
रविवार को भाजपा की टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक चंदर भाटिया द्वारा आयोजित सभा में पहुंचे इनेलो नेता अभय चौटाला के साथ शिरोमणि अकाली दल के नेता भी शामिल थे। इनेलो की कोशिश यह भी है कि फरीदाबाद सीट से बगावत कर प्रवेश मेहता को भी इनेलो में शामिल कर दिया जाए।
इससे पहले हालात यह थे कि इनेलो के लिए इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार ढूंढना बेहद मुश्किल हो गया था। पार्टी के पास कोई मजबूत दावेदार नहीं था। ऐसे में अब भाजपा के इन दोनों बागियों के भरोसे पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। साथ ही, पंजाबी वर्ग का हितैषी होने का भी दावा करना चाहती है।
हालांकि शिरोमणि अकाली दल की वजह से सिख पंजाबी मतदाताओं के एक वर्ग पर इनेलो की पकड़ रही है, लेकिन पाकिस्तान से आए पंजाबी समुदाय में पकड़ बनाने के लिए इनेलो चंदर भाटिया को एक चेहरे के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।
हालांकि भाटिया की कोशिश यह भी है कि उन्हें इनेलो की बजाय अकाली दल का उम्मीदवार घोषित किया जाए और उन्हें तराजू चुनाव चिह्न मिले, लेकिन इसका फैसला फिलहाल इनेलो को करना है।