न्याय पाने को भटक रहा दंपती
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
नलबंदी कराने के बाद गर्भवती हुई पत्नी की बिगड़ी तबीयत के मामले में पति अरविंद लंबे समय से भटक रहा है, मगर उसकी सुनने वाली कोई नही है। अब उसने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डा. राकेश गुप्ता को लिखित शिकायत भेजी है।
हरकेश नगर निवासी अरविंद वर्मा एक कंपनी में मजदूरी करता है। अरविंद ने बताया कि उसकी दो बेटी व एक बेटा है। मई 2011 में उसकी पत्नी सीमा ने सेक्टर-30 सरकारी संस्थान की महिला डाक्टर के समझाने के बाद नलबंदी करा ली थी । एक साल तक सब ठीक रहा। जून 2012 में सीमा गर्भवती हो गई। सीमा उसी महिला डाक्टर के पास जाच कराने पहुंची तो डाक्टर ने गर्भपात की सलाह के साथ दवा दे दी और पांच, छह दिन बाद आने को कहा। इसके बाद सीमा फिर डाक्टर के पास गई। डाक्टर ने जाच के बाद गर्भपात के लिए कहा। अरविंद ने रोष प्रकट कर आरोप लगाया कि जून 2012 में डाक्टर ने सीमा का गर्भपात करा दिया। सीमा की हालत तब से बिगड़ रही है।
डाक्टर को इस बारे में बताया, मगर ध्यान नहीं दिया गया। जबकि डाक्टर ने किसी और जगह इलाज के लिए जाने को कहा। इसके बाद वह सीमा को लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल चला गया। सीमा की हालत लगातार बिगड़ रही है। अरविंद का आरोप है कि डाक्टर की लापरवाही से उसकी पत्नी की हालत बिगड़ी है।
अरविंद ने पहले अपनी शिकायत मानवाधिकार को की थी। अब अरविंद ने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य के निदेशक डा. राकेश गुप्ता तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. गुलशन अरोड़ा से भी की है। डा. गुलशन अरोड़ा ने आश्वस्त किया है कि पीड़ित के साथ न्याय किया जाएगा।