बेबस हुई सिटी बस सेवा
अमित भाटिया, फरीदाबाद
जेएनयूआरएम के तहत खरीदी गई बसों के साथ पिछले साल दोबारा शुरू की गई 'सिटी बस सेवा' का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि प्रस्तावित 17 रूटों में से अब मात्र 6-7 रूटों पर ही बसों का संचालन हो रहा है। परिवहन निगम के पास सिटी बस सेवा के लिए मौजूद 150 में से 80 बसें मरम्मत के लिए वर्कशाप में खड़ी हैं, मगर कर्मचारियों की कमी के चलते वे ठीक नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में औद्योगिक नगरी में रोजाना हजारों लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए तिपहिया अथवा निजी साधनों पर निर्भर कर रहे हैं।
क्या थी योजना
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जेएनयूआरएम के तहत सिटी बस सेवा का शुभारंभ वर्ष 2009 में किया था। उस समय 18 बसों के साथ योजना को शुरू किया गया था। 53 करोड़ रुपये की इस योजना में 150 बसें खरीदी गईं। परिवहन विभाग ने शहर की सिटी बस सेवा का विस्तृत खाका तैयार किया था और बस सेवा के लिए रूट भी तय किए गए थे। मगर परिवहन विभाग की खामियों के कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। वर्ष 2012 में परिवहन विभाग के महानिदेशक अरुण कुमार ने एक बार फिर सिटी बस सेवा की शुरुआत की। नए सिरे से विभाग ने 17 रूट प्रस्तावित कर उन पर बसों का परिचालन शुरू किया, मगर दोबारा शुरू होने के बाद सिटी बस सेवा एक बार फिर दम तोड़ने के कगार पर है। सिटी बस सेवा की अधिकांश बसें खराब होकर खड़ी हैं। इन लो-फ्लोर बसों की डिजाइन व तकनीक अन्य बसों से काफी अलग होने के कारण खराब होने पर परिवहन विभाग का तकनीकी स्टाफ इन्हें ठीक करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में विभाग ने इन बसों की निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड के साथ ही सालाना रखरखाव करार करने का प्रस्ताव तैयार किया, मगर वह भी सिरे नहीं चढ़ सका है।
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तिपहिया में सफर करने को मजबूर
बसों की कमी के चलते लोग तिपहिया में सफर करने को मजबूर हैं। शहर में डीजल चालित 15 हजार से अधिक तिपहिया हैं। इनका न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 22 से 25 रुपया है, जबकि सिटी बस सेवा का न्यूनतम किराया पांच किलोमीटर तक 5 रुपया है तथा 30 किलोमीटर तक अधिकतम 60 रुपया है। रोजाना एक डीजल चालित तिपहिया चालक आठ से दस लीटर डीजल फूंकता है। इससे वायु प्रदूषण भी बढ़ता है।
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सिटी बस सेवा में सुधार तथा उसके विस्तार के लिए परिवहन विभाग को मैंने कई बार पत्र लिखा है। साथ ही परिवहन विभाग को छोटी बसें चलाने के लिए भी कहा गया है ताकि शहर की संकरी गलियों में भी यह सेवा लोगों को मिल सके।
-शिवचरण लाल शर्मा, श्रम राज्य मंत्री।
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सिटी बस सेवा के तहत खराब बसों को ठीक कराने के लिए कई बार परिवहन महाप्रबंधक को लिखा गया है। साथ ही परिवहन मंत्री आफताब अहमद से भी इस पर मैंने कई बार बात की है और उन्हें पत्र भी लिखा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इन बसों को ठीक कराकर सड़कों पर उतारा जाएगा।
-आनंद कौशिक, विधायक फरीदाबाद।
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सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों को सुविधा देने के लिए कभी कोई प्रयास ही नहीं किया है। शहर में करोड़ों रुपये खर्च करके सिटी बस सेवा शुरू की गई, मगर इसकी बसे बस अड्डे पर खड़े-खड़े कंडम हो रही हैं। मगर किसी मंत्री, विधायक ने इस पर कभी गौर ही नहीं किया।
-धर्मवीर भड़ाना, बसपा प्रत्याशी, बड़खल विधानसभा।
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यदि प्रदेश में इनेलो सरकार बनती है तो परिवहन सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि इसमें आम आदमी सफर करता है। साथ ही सिटी बस सेवा बेहतर होने से सड़क से निजी वाहनों तथा तिपहिया की संख्या भी घटेगी। इससे प्रदूषण कम होने के साथ-साथ जाम से भी राहत मिलेगी। चुनाव में परिवहन सुविधा को भी मुद्दा बनाया जाएगा।
- ललित बंसल, इनेलो प्रत्याशी, बल्लभगढ़ विधानसभा।