सार्वजनिक गणेश उत्सव की तैयारी शुरू
अनिल बेताब, फरीदाबाद :
हमारे देश में वैसे तो हर उत्सव बड़ी आस्था और धूमधाम से मनाए जाते हैं। संस्कृति और परंपरा को कायम रखने के लिए मनाया जाने वाला गणेश उत्सव ऐसा पर्व है, जो राष्ट्रीयता से भी जुड़ा है। गणेश उत्सव को व्यापकता देने में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र से गणेश उत्सव की जब शुरुआत की थी तो नागरिकों को राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया था। यही वजह है कि आज देश-विदेश के किसी भी कोने में गणेश उत्सव का आयोजन किया जाता है तो इस दौरान राष्ट्रीयता से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जिला फरीदाबाद में भी बड़ी संख्या में महाराष्ट्र से जुड़े लोग रहते हैं, जो संस्कृति और परंपरा को कायम रखे हुए हैं। महाराष्ट्र मंडल तथा महाराष्ट्र मित्र मंडल के बैनर तले हर साल गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव का शुभारंभ किया जाता है। इस बार फरीदाबाद में 29 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत की जाएगी।
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ऐसे हुई गणेश उत्सव की शुरुआत
महाराष्ट्र के मूल निवासी कई परिवार काम-धंधे के सिलसिले में 1957 तथा 1958 में फरीदाबाद आए। सन 1960 में श्री मुठाले, वसंत राव नाइक, श्री चितलै, काशी राम बाला मिस्त्री तथा श्री खोपकर एनआइटी फरीदाबाद में एक जगह एकत्र हुए तो गणेश उत्सव मनाने पर चर्चा शुरू हुई। आपस में सहमति बनी तो सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा। बाद में लोगों के जुड़ने का सिलसिला बना तो 1964 में महाराष्ट्र मंडल के नाम से संस्था का गठन कर लिया गया। कुछ लोगों ने वर्ष 2001 में महाराष्ट्र मित्र मंडल के नाम से एक और संस्था का गठन कर लिया।
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बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए सार्वजनिक गणेश पूजा प्रारंभ की थी। सार्वजनिक गणेश उत्सव में बड़ी संख्या में लोग आने लगे और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इस परंपरा का पालन किया जाने लगा। हम भी हर साल गणेश उत्सव मनाते हैं। हमने 29 अगस्त से गणेश उत्सव मनाने की तैयारी कर ली है।
-सुधाकर पांचाल, संरक्षक, महाराष्ट्र मित्र मंडल।
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गणेश उत्सव से लोगों में देशभक्ति का भाव भी जागता है। हम बाल गंगाधर तिलक की परंपरा को कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं। स्वाधीनता संग्राम ने बाल गंगाधर तिलक ने जैसे लोगों को जगाने का काम किया था, वैसे भी हम भी दस दिन गणेश उत्सव के माध्यम से लोगों में संस्कृति के प्रति जागृति लाते हैं, साथ ही राष्ट्र हित में बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।
-मिलिंद कारखानिस, अध्यक्ष, महाराष्ट्र मंडल।