पलवल==भैंसों का तबेला नजर आता है पाठशाला
सुरेंद्र चौहान, पलवल : बहीन की राजकीय प्राथमिक पाठशाला शिक्षा का केंद्र कम भैंसों का तबेला ज्यादा नजर आता है। स्कूल के साथ की भूमि पर पंचायत ने 100-100 वर्ग गज के प्लाट काट रखे हैं, जिसमें लोगों ने बौंगे बिटौरे व गोबर के ढेर लगा रखे हैं। ग्रामीण अपने पशुओं को वहीं बांधते हैं। चारदीवारी न होने से गाय व भैंस स्कूल के कमरों में घुस जाते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। यही नहीं पंचायत भूमि में कई कुएं भी हैं, जिनसे हर समय बच्चों के गिरने का भय बना रहता है। समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार शिक्षा विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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स्कूल में करीब 400 बच्चे पढ़ते हैं। चारदीवारी के अभाव में बच्चे इधर-उधर घूमते रहते हैं। जिससे हर समय कुओं में गिरने और पशुओं द्वारा हमला करने का भय बना रहता है।
-शिव राम फौजी, ग्रामीण
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पशुओं के स्कूल में घुसने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रहती है। कई बार तो बच्चे चारदीवारी न होने का फायदा उठाकर स्कूल समय के बीच में निकल जाते हैं।
-अमर सिंह, ग्रामीण
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स्कूल की चारदीवारी कराने के लिए ग्रामीण कई बार जिला उपायुक्त से मिल चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी यह मामला पंचायत पर डाल देते हैं और पंचायत मामले में उदासीन है।
-भगवत सिंह, ग्रामीण
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मुख्याध्यापक से पता करेंगे कि स्कूल के नाम कितनी जगह है। यदि जगह कम है तो पंचायत से और जगह की मांग की जाएगी। चारदीवारी का इस्टीमेट बनवाकर मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा पंचायत के पास काफी जगह है। यदि पंचायत प्लाटों को दूसरी जगह पर काट दे तो समस्या कम हो जाएगी और स्कूल के बच्चों को खेलने के लिए भी मैदान मिल जाएगा।
-अनिल शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी।