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स्टेट पेज पर लगाएं:: पाला-बदल : मौकापरस्तों ने तोड़े सभी पुराने रिकार्ड

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 01:03 AM (IST)
स्टेट पेज पर लगाएं:: पाला-बदल : मौकापरस्तों ने तोड़े सभी पुराने रिकार्ड

बिजेंद्र बंसल, फरीदाबाद

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यूं तो आयाराम-गयाराम (दलबदल) की राजनीति की शुरुआत के लिए हरियाणा प्रदेश पूरे देश में जाना जाता है, लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव से मौकापरस्त राजनेता सभी पुराने रिकार्ड तोड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ दलबदल करने का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। छोटे से लेकर बड़े नेता मौकापरस्ती के इस खेल में अपने समर्थकों की आड़ भी ले रहे हैं। आलम यह है कि सिद्धांत के नाम पर राजनीति करने वाले दलों को भी इन नेताओं को अपनाने में कोई गुरेज नहीं है।

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ताजातरीन दल बदल करने वाले नेताओं की फेहरिस्त

नाम-कहां से- कहां गए

-राधा नरुला- प्रदेश कांग्रेस की पूर्व सचिव- इनेलो

-किशन ठाकुर- प्रदेश कांग्रेस किसान सेल के संयोजक- इनेलो

-पंडित गिर्राज शर्मा- बसपा टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े- कांग्रेस

-जगन डागर- बसपा से नगर निगम पार्षद- कांग्रेस

-राजेंद्र अग्रवाल- निर्दलीय नगर निगम पार्षद, कांग्रेस

-सुभाष कत्याल-पूर्व मंत्री इनेलो- भाजपा

-रामरतन-पूर्व विधायक, इनेलो- भाजपा

-हर्ष कुमार- पूर्व मंत्री, कांग्रेस- भाजपा

-भगवान सहाय रावत, पूर्व विधायक, इनेलो- भाजपा

-योगेश शर्मा- पूर्व विधायक, इनेलो- भाजपा

-दिनेश मलिक- पूर्व जिला परिषद चेयरमैन, इनेलो- भाजपा

-मुकेश डागर - जिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष- भाजपा

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आयाराम-गयाराम का इतिहास

वर्ष 1967 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 81 में से 48 सीटें जीतीं थी। तब 16 निर्दलीय विधायक चुने गए थे। दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस से तोड़े और निर्दलीय विधायकों के दम पर विशाल हरियाणा पार्टी के बैनर तले 40 विधायकों की संख्या बल पर संयुक्त विधायक दल (संविद) बनाया। बहुमत के लिए एक विधायक की कमी थी तो एक निर्दलीय विधायक से दोनों ओर से संपर्क हुआ। यह निर्दलीय विधायक एक ही दिन में तीन बार इधर-उधर हुआ। तब दलबदल को आयाराम गयाराम का नाम दिया गया।

दलबदल का राज्य में दूसरा बड़ा मामला तब सामने आया जब 1980 में केंद्र में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद राज्य की जनता पार्टी के मुख्यमंत्री भजनलाल ने पूरी सरकार का ही कांग्रेस में विलय कर दिया।

-जेबी गुप्ता, राजनीतिक विश्लेषक।


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