वाहन पासिंग के नाम पर हो रही वसूली
जागरण संवाददाता, पलवल : जिला पुलिस अधीक्षक राकेश आर्य के विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के दावे जिले के पुलिस अधिकारी ही फेल कर रहे हैं। इसका नजारा देखना है तो जिला पुलिस के डीआइ कार्यालय में जाकर देख सकते हैं जहां वाहन पासिंग के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। इस तरफ न तो जिला पुलिस अधीक्षक का ध्यान है और न ही अन्य किसी वरिष्ठ अधिकारी का।
गौरतलब है कि डीआइ कार्यालय में वाहन पासिंग कराने के लिए दलाल सक्रिय हैं। वैसे तो पासिंग कराने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए मंगलवार व शुक्रवार का दिन तय है और वाहन साथ ले जाना पड़ता है। वहां रीडर वाहन की गहनता से जांच करेगा। उसका इंजन नंबर व चेसिस नंबर भी जांच करेगा। यदि उस दिन कोई 1 बजे के बाद पांच मिनट भी देरी से पहुंचता है, तो वाहन की पासिंग करने से मना कर दिया जाता है। यह अलग बात है कि बाद में उसी दिन ही शाम तक मात्र 200 रुपये अदा करने के बाद वाहन लाए बिना आपके घर पासिंग होकर फाइल आपके हाथ में होगी।
पुलिस विभाग के इस रवैये से लोग खासे परेशान हैं। नाम न छापने पर एक व्यक्ति ने बताया कि वह मंगलवार को अपनी मोटरसाइकिल की पासिंग कराने के लिए गया था। वह 1 बजकर 5 मिनट पर डीआइ कार्यालय में पहुंच गया था। उसने डीआइ से मिलकर पासिंग कराने की बात कही तो डीआइ ने यह कहकर उसे भगा दिया कि अब शुक्रवार को आना। समय खत्म हो गया है। बाद में उसने उसी फाइल को पासिंग कराने के लिए 200 रुपये अदा किए और शाम पांच बजे तक पासिंग की फाइल काम होने के बाद उसके हाथ में दे दी गई। पैसे देकर पासिंग कराने की यह एक बानगी भर है। ऐसे और भी कई लोग इस तरह के भ्रष्टाचार का शिकार हो चुके हैं।
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मैं भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने के हक में नहीं हूं। विभाग में कोई पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त मिला या किसी के खिलाफ शिकायत मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वाहन पासिंग के नाम पर पैसे मांगने की उन्हें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसा कोई मामला सामने आया तो वे जांच कराएंगे और सही पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-राकेश आर्य, जिला पुलिस अधीक्षक, पलवल।