शेयरिंग फीस के खिलाफ मोबाइल कंपनियां पहुंची अदालत
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
एक ही टॉवर पर कई-कई मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क पर शेयरिंग फीस मांग रहे नगर निगम के खिलाफ कुछ कंपनियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। नगर निगम इसमें कानून की किताबों को खंगालने में जुटा है।
नगर निगम क्षेत्र में 474 मोबाइल टॉवर लगे हैं। नगर निगम क्षेत्र में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए किसी भी कंपनी को दो लाख रुपये स्थापना शुल्क देना होता है तथा उसका दस प्रतिशत सालाना नवीनीकरण शुल्क का भुगतान करना होता है। मगर पिछले कई सालों से नवीनीकरण शुल्क का भुगतान नहीं होने के कारण नगर निगम ने जनवरी तथा फरवरी माह में पांच-पांच मोबाइल टॉवर सील किए थे। इस दौरान सील किए गए टॉवर को खुलवाने के लिए इंडुस कंपनी ने नगर निगम में 70 लाख रुपये जमा करवाए थे तथा शेष राशि 31 मार्च तक जमा करवाने का आश्वासन दिया था। इंडुस कंपनी वोडाफोन एयरटेल, आइडिया व भारती के मोबाइल टॉवर का संचालन करती है। इस पर नगर निगम ने सात टॉवर खोल दिए थे तथा तीन अभी भी सील हैं। इस कार्रवाई के दौरान नगर निगम को पता चला कि एक ही टॉवर पर कई-कई मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क चल रहे हैं। इससे नगर निगम को उन कंपनियों का न तो स्थापना शुल्क मिल रहा था और न ही नवीनीकरण शुल्क।
इस पर नगर निगम ने शेयरिंग कर रही कंपनियों से भी एक लाख रुपये स्थापना शुल्क तथा उसका दस प्रतिशत दस हजार रुपये नवीनीकरण शुल्क वसूलने के लिए नोटिस देने शुरू कर दिए। इससे नगर निगम का इन कंपनियों पर बकाया करीब दस करोड़ तक पहुंच गया। इनमें से सर्वाधिक बकाया इंडुस कंपनी का करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये है। इतनी मोटी रकम को देखते हुए इंडुस कंपनी ने शेयरिंग शुल्क के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अपील दायर की है। अब नगर निगम इस मामले में कानून सलाह लेने में जुटा है।
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नगर निगम मोबाइल कंपनियों से बकाया वसूलने की तैयारी कर रहा था। मगर अब मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
- बलबीर सिंह पंवार, कराधान अधिकारी, नगर निगम
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