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जिला कारागार बनाने के सरकारी प्रयास हुए तेज

By Edited By: Published: Thu, 17 Apr 2014 12:59 AM (IST)Updated: Thu, 17 Apr 2014 12:59 AM (IST)
जिला कारागार बनाने के सरकारी प्रयास हुए तेज

जागरण संवाददाता, पलवल : पलवल में जिला कारागार बनाने के लिए सरकारी प्रयास तेज हो गए हैं। जेल विभाग ने अधिसूचना जारी कर अलीगढ़ रोड पर इस कार्य के लिए अधिग्रहण की गई भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 6 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

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अभी फरीदाबाद जेल ले जाए जाते हैं कैदी

फरीदाबाद से अलग होकर पलवल 15 अगस्त 2008 को नये जिले के रूप में अस्तित्व में आया। उसके पश्चात यहां अलग से जिला जेल बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई। फिलहाल यहां के विचाराधीन तथा सजायाफ्ता कैदी फरीदाबाद जिले की नीमका जेल में ले जाए जाते हैं।

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चार वर्ष पूर्व शुरू हुई थी कार्रवाई

जेल विभाग ने वर्ष 2010 में धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी करके अलीगढ़ रोड पर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी थी।

नियमानुसार धारा 4 लगने के एक साल के भीतर धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करनी होती है, ऐसा न होने पर धारा 4 की अधिसूचना रद समझी जाती है। बाद में सरकार के जेल विभाग ने धारा 4 के तहत 22 मार्च 2013 को पुन: अधिसूचना जारी की। अब धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करके सरकार ने जमीन अधिग्रहण करने के काम में तेजी ला दी है। अधिसूचना में अधिग्रहण की जाने वाली भूमि से संबंध रखने वाले लोगों से कहा गया है कि वह भूमि के नक्शों का निरीक्षण किसी भी कार्य दिवस में जिला राजस्व अधिकारी, भूमि अर्जन कलेक्टर या उप कारागार पलवल के उप अधीक्षक कार्यालय में कर सकते हैं।

65 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण

जिला जेल के लिए कुल 65 एकड़, 15 मरला जमीन अधिग्रहण की जानी है। यह जमीन फिलहाल रिहायशी क्षेत्र में नगर परिषद सीमा के अंतर्गत आ रही है। इस कारण जमीन अधिग्रहण किए जाने का विरोध भी शुरू हो गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि 35 एकड़ क्षेत्र में प्लाटिंग हुई पड़ी है तथा मकान बने हैं। कुछ फार्म हाउस भी बने हुए हैं। आसपास बस्तियां होने के कारण यह क्षेत्र रिहायशी है। नगर परिषद की पिछले दिनों रद की गई बैठक में जेल को नगर परिषद की सीमा से बाहर ले जाने का प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल किया गया था।

ध्यान रहे कि प्रभावित होने वाले लोगों ने जमीन अधिग्रहण न की जाए, इस मांग को लेकर सत्तादल के प्रभावी नेताओं के यहां काफी चक्कर काटे थे, उन्हें जमीन अधिग्रहण न किए जाने का आश्वासन भी दिया गया था। अब प्रभावित लोगों की उम्मीदें धूमिल होने लगी हैं। अब वे इस मसले को लेकर अदालत का सहारा लेने की सोच रहे हैं।

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रिहायशी व नगर परिषद क्षेत्र में जेल का होना उचित नहीं है। जिन लोगों ने अपने खून व पसीने की गाढ़ी कमाई से प्लाट खरीदे थे, वे अब कहां जाएं। सत्तारूढ़ दल के नेता दोहरी नीति अपना रहे हैं। नेताओं को इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनावों में भुगतना पडे़गा। हम इस मामले को पार्टी आलाकमान तक लेकर जाएंगे।

-तुही राम भारद्वाज, जिला अध्यक्ष इनेलो।


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