देख-रेख में अभाव में शहीद स्मारक की हो रही है दुर्दशा
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ :
देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों ने शायद कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि उनकी आने वाली पीढ़ी उन्हें इस कदर भुला देंगी। गांव अटाली में देश की आजादी की 25 वीं वर्षगांठ 15 अगस्त 1974 को बनाया गया शहीद स्मारक देख-रेख के अभाव में पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यहां पर अब सिर्फ शहीदों की स्मृति में लगाया स्तूप दिखाई दे रहा है।
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गांव अटाली स्थित राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में देश आजादी की 25 वीं वर्ष पूरे होने पर खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय बल्लभगढ़ ने एक शहीद स्मारक बनवाया था। इस स्मारक के ऊपर शहीद चतर सिंह निवासी गांव बुखारपुर, हरलाल निवासी गांव प्रहलादपुर, प्रहलादी निवासी गांव बडौली, रामचंद्र निवासी बडौली, चुन्नीलाल निवासी गांव अटाली, रुचिराम निवासी गांव मोहना, कंवर कृष्ण निवासी बल्लभगढ़ तथा चंद्र सिंह निवासी गांव साहुपुरा खादर के नाम अंकित हैं। इस स्मारक पर भारत के संविधान की प्रस्तावना भी अंकित की गई है। इसके ऊपर यह नहीं लिखा गया है कि ये किस युद्ध में शहीद हुए थे और न ही फिलहाल स्कूल में तैनात किसी शिक्षक व कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी है।
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स्कूल में शहीद स्मारक को बनवाने का उद्देश्य था कि इससे बच्चों में देश के प्रति देशभक्ति का जज्बा पैदा हो। वे इन शहीदों के बारे में जाने कि उन्होंने किस युद्ध में अपने प्राणों की आहूति दी, लेकिन इसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है। मदन निवासी गांव अटाली
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शहीद स्मारक की तरफ न तो कभी प्रशासन ने कोई ध्यान दिया है और न ही कभी गांव की पंचायत ने। यहां पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी कोई शहीदों की स्मृति में पुष्प अर्पित करने के लिए नहीं आता है। प्रशासन को यहां पर स्मारक की देख-भाल करनी चाहिए और यह भी बताया जाना चाहिए कि ये किस युद्ध में शहीद हुए हैं। ताकि इन शहीदों के बारे में स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पूरी जानकारी मिल सके।
- जोगेंद्र कौशिक अटाली
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गांव अटाली में शहीद स्मारक के बारे में न तो कभी भी पंचायत ने कोई जानकारी दी है और न ही शिक्षा विभाग ने। शहीद स्मारक को संवारा जाएगा और भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इसके बारे में जल्दी ही पंचायत विभाग के तकनीकी अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा जाएगा और इसका चबूतरा बनवाया जाएगा। इसके चारों तरफ एक पार्क विकसित की जाएगी और उसमें पौधे तथा फूल लगाए जाएंगे।
- नरेश कुमार पंकज जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी