टलने लगा है इंडस्ट्रियल एरिया का संकट
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
आजादी के बाद जिले में बसाए गए पहले औद्योगिक क्षेत्र एनआइटी इंडस्ट्रियल एरिया के अस्तित्व पर छाया संकट टलने वाला है। इस क्षेत्र को बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है, जो क्षेत्र के लिए अलग से नीति तैयार करेगी। सरकार ने 30 अप्रैल तक इस नीति का ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है।
इस कमेटी की अध्यक्षता राज्य के स्थानीय शहरी निकाय विभाग के मुख्य नगर योजनाकार करेंगे, जबकि नगर निगम, फरीदाबाद के मुख्य नगर योजनाकार सदस्य सचिव होंगे। कमेटी में स्थानीय शहरी निकाय विभाग के वरिष्ठ नगर योजनाकार और इसी विभाग के सहायक नगर योजनाकार को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी एनआइटी इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक प्लॉटों के सब-डिवीजन को लेकर नीति तैयार करेगी।
पश्चिमी पाकिस्तान से आए लोगों को फरीदाबाद में बसाते वक्त उनको रोजगार देने के लिए यह इंडस्ट्रियल एरिया बसाया गया था। उस समय एक फैक्ट्री का कम से कम प्लॉट साइज पांच एकड़ था और लगभग 40 बड़े कारखानों के लिए जगह दी गई थी, लेकिन औद्योगिक हालात बिगड़ने के बाद यहां की लगभग सभी बड़ी फैक्टरियां बंद हो गई और धीरे-धीरे इस क्षेत्र में कई छोटे कारखाना मालिकों ने बांट-बांट कर प्लॉट ले लिए और कारखाने लगा लिए।
चूंकि मास्टर प्लान के मुताबिक यह क्षेत्र बड़े प्लॉट्स के लिए था, इसलिए छोटे प्लाटों में विभाजन का प्रावधान ही नहीं था, इसलिए इन छोटे कारखानों को अनियमित माना जाता रहा है। पिछले दिनों एक जनहित याचिका के आधार पर जब इन्हें अवैध करार दे दिया गया और तोड़फोड़ का नोटिस दिया गया तो स्थानीय उद्योगपतियों के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय में जाने के बाद तोड़फोड़ के आदेश पर स्थगनादेश लगाया गया है।
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80 हजार परिवारों को मिलेगा राहत
इस इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 800 छोटी-बड़ी फैक्टरियां हैं, जहां लगभग 80 हजार मजदूर काम करते हैं। यदि इन फैक्टरियों को हटाया जाता है तो इससे लगभग इन मजदूरों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा। हरियाणा सरकार ने सब डिवीजन को लेकर जो पॉलिसी बनाने की शुरुआत की है, उससे इन परिवारों को खासी राहत मिलेगी।
-रमणीक प्रभाकर, महासचिव मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन, फरीदाबाद
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हाइकोर्ट में लंबित जनहित याचिका से उद्यमियों को थी परेशानी
बड़ी औद्योगिक इकाईयों के प्लॉट में हुए विभाजन की बाबत एक जनहित याचिका हाइकोर्ट में लंबित है। नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी इस याचिका के बाद आए हाइकोर्ट के आदेश की वस्तुस्थिति से राज्य सरकार को पहले ही अवगत करा चुके थे। इसके अलावा एनआइटी इंडस्ट्रियल एरिया औद्योगिक संगठन के पदाधिकारियों ने 80 हजार परिवारों और 800 छोटी-बड़ी इकाईयों के भविष्य के संदर्भ में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की थी। इसके बाद इस औद्योगिक क्षेत्र को बचाने संबंधी प्रक्रिया शुरू हुई है।