बसें न रूकने पर भड़के छात्रों ने किया दिल्ली-पिलानी सड़क मार्ग जाम
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : बाढड़ा लोहारू सड़क मार्ग पर बसों की कमी व बसें न रोकने पर गां
संवाद सहयोगी, बाढड़ा :
बाढड़ा लोहारू सड़क मार्ग पर बसों की कमी व बसें न रोकने पर गांव ढाणी सुरजा, बारवास व लाड इत्यादि गांवों के कॉलेज विद्यार्थियों ने मंगलवार को गांव लाड के मुख्य बस स्टैंड पर जाम लगा दिया। इससे दिल्ली- पिलानी मुख्य सड़क मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। रोड जाम होने की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंच कर छात्रों को समझा बुझा कर यातायात सुचारु करवाया। गांव लाड, बारवास व ढाणी सुरजा के छात्र-छात्राओं ने कहा कि उनके यहां से सैकड़ों विद्यार्थी सुबह लोहारू, बाढड़ा कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थाओं में जाते हैं। पिछले एक माह से दो बसों के रुट बंद करने के अलावा सुबह आठ बजे प्रतिदिन जाने वाली बस का चालक भी उसको नहीं रोकता। जिससे छात्राओं को मजबूरन निजी वाहनों में सफर करना पड़ता है। दिल्ली पिलानी व्यस्त सड़क मार्ग के जाम होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी शमशेर ¨सह मान ने उग्र छात्राओं को समझाया। उन्होंने उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान का भरोसा दिया।
छात्रों ने लगाए आरोप
छात्र दिनेश कुमार, धर्मबीर ¨सह, सचिन, इंद्र ¨सह, र¨वद्र कुमार, रविकांत, सोनिया, अनिता, संतोष, ज्योति, सुनीता ने बताया कि परिवहन विभाग उनके तीनों गांवों के विद्यार्थियों को बस सुविधा से वंचित करने की फिराक में है। विद्यार्थियों के अभिभावकों मजबूरन उन्हें निजी वाहनों में शिक्षण संस्थान भेजते हैं। थाना प्रभारी शमशेर मान ने रोडवेज महाप्रबंधक दादरी से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि गांव के विद्यार्थियों ने पहले इस तरह की कोई शिकायत उनके कार्यालय को नहीं दी है। आज ही यह समस्या उनके संज्ञान में आई है और जो भी बस चालक किसी तरह की लापरवाही करता है तो छात्र-छात्राएं उसका बस का नंबर उनके पास भेजे, चालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। थाना प्रभारी की ओर से जल्द समाधान के आश्वासन पर छात्र-छात्राओं ने जाम खोला।
खिड़कियों में लटकने को मजबूर
केन्द्र व प्रदेश सरकार लड़कियों का भविष्य बचाने के लिए भले ही लाख दावे करे और योजनाएं संचालित हों लेकिन प्रदेश में धरातल पर इनके लिए शायद ही कोई सुविधा पर्याप्त हो। बसों के परिचालक छात्राओं को पूरी सवारी बैठाने के बाद ही अंदर प्रवेश करने की इजाजत देते हैं और बाद में छात्राओं को मजबूरन खिड़की पर लटककर अपने गांव तक पहुंचना पड़ रहा है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनके अभिभावकों में भी अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भय बना रहता है। बाढड़ा से कारीमोद रास्ते पर कई माह पूर्व हुए हादसे के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है। उस हादसे में दो छात्राओं की दर्दनाक मौत हो गई थी।
नाममात्र की बस सेवा
कस्बे से ढिगावा मंडी रोड, बाढड़ा से झोझूकलां, बाढड़ा से भांडवा खोरड़ा सड़क मार्ग, बाढ़ड़ा से चांदवास, दगड़ौली कादमा, बाढड़ा से जुई रोड़ व डांडमा श्यामकलां मार्ग पर नाममात्र ही बस सेवा है। जिससे छात्राएं निजी वाहनों में अपने स्कूल, कालेज पहुंचने को विवश हैं। कई जगह तो बालक पैदल शिक्षण संस्थान पहुंच रहे हैं।