नोटबंदी के 68 दिन बाद भी बलियाली बैंक में नकदी के लिए मारामारी
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : विमुद्रीकरण के 68 दिन बाद भी बलियाली के सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में ह
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : विमुद्रीकरण के 68 दिन बाद भी बलियाली के सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में हालात सुधरे नहीं हैं। बैंक में सुबह पांच बजे से ही कतारों में लोग दिखाई देने लगते हैं। सोमवार को बैंक खुलने तक 2000 रुपये लेने के लिए ग्रामीणों की संख्या 300 से पार थी।
ग्रामीण भानाराम, चन्द्रभान, राजकुमार, भानी संतरा ने बताया बलियाली में उन्हें तीन महीनों से पेंशन नही मिली है। उन्हें सूचना मिली थी कि सोमवार को बैंक में पेंशन आई है। बैंकों में भीड़ के डर से सुबह पांच बजे ही नम्बर लगाया था। जब तक बैंक खुला तो भीड़ ज्यादा हो गई थी। अफरा तफरी के कारण उनका नम्बर पांच घंटे बाद आया। वहीं अमित भूरिया, बलबीर ¨सह, राम¨सह ने बताया उन्हें घरेलू खर्च तथा खाद बीज के लिए पैसों की जरूरत है जिसके लिए उन्हें केवल दो हजार रुपये ही मिले हैं। लक्ष्मण, सुरेश, कुसुमलता, ग्रामीण युवा सचिन, संजय चैहान, शीला, पवन आदि ने बताया गांव बलियाली तथा रामुपुरा में एक ही बैंक हैं। दोनों गांव की जनसंख्या 20000 के पास है। गांव बलियाली की 1400 से अधिक पेंशन तथा 2000 से अधिक स्कूल स्तर पर बच्चों के खाते हैं। बैंक में हर वक्त भीड़ का माहौल रहता है। नोटबंदी से पहले 10 हजार रुपये प्राप्त करने के लिए एक ही दिन कतारों में लगना पड़ता था, परन्तु नोटबंदी के बाद 10000 रुपये प्राप्त करने के लिए कई दिनों तक बैंक में लगना पड़ता है। इसके लिए उन्होंने बैंक मैनेजर नीतिन कुमार तथा विधायक के माध्यम से सीएम को गांव में एटीएम मशीन, ग्राहक सेवा केन्द्र तथा बैंक मित्र लगाने की मांग की है।