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डीसी साहब, बच्चों के टिफिन तक ले जाते हैं बंदर

बंदरों से छुटकारा दिलवाने के लिए लोगों ने लगाई डीसी से गुहार शहर के ज्यादातर हिस्सों में उत्पाती ब

By Edited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 07:16 PM (IST)
डीसी साहब, बच्चों के टिफिन तक ले जाते हैं बंदर

बंदरों से छुटकारा दिलवाने के लिए लोगों ने लगाई डीसी से गुहार

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शहर के ज्यादातर हिस्सों में उत्पाती बंदरों ने किया नागरिकों का जीना हराम

फोटो 04 बीड्ब्ल्यूएन 12

जागरण संवाददाता, भिवानी: बच्चों के टिफिन तक छीन ले जाते हैं बंदर, डीसी साहब इनसे छुटकारा दिलाओ। इन बंदरों ने तो घर से निकलना ही दूभर कर दिया है। नप ने पिछले दिनों शहर में बंदर पकड़ो अभियान तो चलाया, लेकिन अभी बंदरों की शहर में भरमार है। जल्द से जल्द इनको पकड़ कर शहर से बाहर नहीं किया तो हालात ओर विकट हो सकते हैं।

शहर वासियों की माने तो बंदरों से हो रही परेशानी को लेकर वह प्रशासन को अवगत करा चुके हैं लेकिन इन बंदरों से निजात दिलाने के लिए अभी भी उनको इंतजार है। इन बंदरों ने तो घर से निकलना ही मुश्किल कर दिया है। महिलाओं और बच्चों के लिए तो ये बंदर सबसे बड़ी मुसीबत बने हैं।

शहर वासियों ने कुछ यूं बयां किया दर्द

विजय नगर निवासी सांवर शर्मा ने बताया कि उत्पाती बंदर स्कूल जा रहे बच्चों के टिफिन तक छीन ले जाते हैं। घर की छत पर महिलाओं का जा पाना मुश्किल हो रहा है। घर में घुस जाते हैं बंदर और सामान जबरन उठा ले जाना जैसे आम बात हो चला है। इनसे निजात जल्द से जल्द दिलाने की जरूरत है।

भूतोवाली गली निवासी नरेंद्र का कहना था कि घरों की छतों पर टीवी की छतरी तोड़ना तो जैसे इन बंदरों का शौक बन चुका है। कई घरों की छतरी तोड़ चुके हैं। इसके अलावा घरों की छत पर महिलाएं कपड़े सुखाने आदि के लिए नहीं जा सकती। बच्चों से कई बार बैग तक छीन ले जाते हैं।

सराय चौपटा निवासी मंजीत ने बताया कि पानी की टंकी के पाइप तोड़ देते हैं ये बंदर। कई बार पटाखे भी बजाते हैं लेकिन यह बंदर हैं कि यहां से हटने का नाम ही नहीं लेते। बच्चों और महिलाओं में इनके उत्पात का भय बना हुआ है।

घंटाघर निवासी प्रवीन ने कहा कि बंदरों को शहर से बाहर करने की जरूरत है। यहां घरों की तो बात छोड़िये दुकानों में घुस आते हैं। राहगीरों के हाथ में फल सब्जी आदि दिखे तो छीन कर फरार हो जाते हैं।

बंदरों को शहर से बाहर करने के लिए आला अधिकारियों से बात करने के बाद अभियान चलाया जाएगा। इससे पहले नप बंदर पकड़ो अभियान चला चुकी है। अभी भी इस अभियान को फिर से चलाया जाएगा।

मनेंद्र, कार्यकारी अधिकारी

नगरपरिषद।


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