धर्म का काम सबको जोड़ना है : मुनि
जागरण संवाददाता, भिवानी : अणुव्रत समिति द्वारा मूलचन्द मन्दिर के सभागार में साम्प्रदायिक सौहार्द
जागरण संवाददाता, भिवानी :
अणुव्रत समिति द्वारा मूलचन्द मन्दिर के सभागार में साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस के अवसर पर सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया गया। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य युवा मनीषी मुनि मुकुल कुमार ने धर्म सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत करना नहीं सिखाता। सम्प्रदाय एक तालाब है और धर्म एक सरिता है। धर्म का काम मानवता को खंडित करना नहीं है, बल्कि सबको जोड़ना है। सम्प्रदाय अलग-अलग हो सकते है लेकिन धर्म की मौलिकता एक है। उन्होंने संत एवं धार्मिक समाज को सभी धर्मों का आदर करने की शिक्षा दी। युगल किशोर गिरी महाराज ने कहा कि संतों की किसी से दोस्ती या बैर नहीं होता और संत जीव को सही मार्गदर्शन देते हैं। महन्त जगन्नाथ ने गीता के उपदेशों को जीवन में धारण करने की सलाह दी। आर्य समाज के प्रतिनिधि ज्ञानचन्द शास्त्री ने कहा कि धर्म का सार वेदों में है और उनका अनुसरण करना चाहिए। प्रणामी सम्प्रदाय के महासचिव डॉ. मुरलीधर शास्त्री ने कहा कि धर्म की शुरूआत करुणा से होती है और परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है। गीता मनीषी स्वामी सिद्ध स्वरूप ने कहा कि अणुव्रत का महत्व वेदों के समकक्ष है। कार्यक्रम का संयोजन समिति के अध्यक्ष रमेश बंसल ने किया और परामर्शक रवीन्द्र लखोटिया ने स्वागत वक्तव्य दिया। संत परिषद को समिति द्वारा अणुव्रत पट एवं साहित्य द्वारा सम्मानित किया गया। इस सम्मेलन में प्रमुख रूप से माणिक चन्द नाहटा, हनुमान कौशिक, मुकेश कबाड़ी, नन्द किशोर अग्रवाल, बृजेश आचार्य, सुशील बासिया, बजरंग जिन्दल, बलवन्तराय अग्रवाल, सतीश शर्मा, गौरव जैन, लक्ष्मण अग्रवाल, धर्मेन्द्र जिन्दल, सारिका जैन, हरिराम, विद्या देवी, विकास जैन, शुभम जैन, नीटू लखोटिया, सौरभ जैन तथा मंजू जैन सहित अनेक लोग उपस्थित थे।