राष्ट्र निर्माण के लिए स्वदेशी अपनाएं युवा : प्रवीण
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: किताबी ज्ञान के अलावा विद्यार्थियों को यज्ञ व योग को भी दैनिक जीवन में अपना कर
संवाद सहयोगी, बाढड़ा: किताबी ज्ञान के अलावा विद्यार्थियों को यज्ञ व योग को भी दैनिक जीवन में अपना कर निरोग व सशक्त राष्ट्र निर्माण कर सकते है। प्रत्येक विद्यार्थी को आजादी के दीवाने महापुरुषों के जीवन चरित्र पुस्तिकाओं का अध्ययन कर राष्ट्र के प्रति समर्पित सोच बनानी चाहिए। 4 सितंबर के लेंघा कार्यक्रम से प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में गोमाता सरक्षण का नया अलख जगाया जाएगा। यह बात पंतजलि ग्रामीण प्रभारी प्रवीण बेरला ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय काकड़ौली सरदारा में एक दिवसीय योग शिविर में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने लाखों वर्ष पहले व्यापार का सहारा लेकर ¨हदुस्तान पर कब्जा किया और आज फिर देश की अस्मिता पर खतरे के बादल मंडरा रहे है। कभी शिक्षा व प्राकृतिक संपदा से सोने की चिड़िया कहलाने वाले भारत में आज नब्बे फीसदी विदेशी सामान का प्रयोग होने से हम अन्य देशों के सामने कमजोर बनकर रह गए है। आज युवाओं को विदेशी खाने पीने व घरेलू सामान का बहिष्कार कर देश के धन को बाहर जाने से रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव ने देश के धन को बाहर जाने से रोकने के लिए महात्मा गाधी की तर्ज पर विदेशी सामान का प्रयोग न करने का बीड़ा उठाया है। यह सस्ता व देश में ही निर्मित होगा जिससे देश के लाखों बेरोजगार युवाओं को उत्पादन व बिक्री के माध्यम से रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज देश में फिर परिवर्तन का दौर चल रहा है। युवाओं को ग्राम स्तर पर स्वदेशी केन्द्रों व ग्रामीण इकाईयों के माध्यम से एकजुटता करनी चाहिए। इस अवसर पर देशभक्ति से जुड़े सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उनके अलावा योगी शिवकुमार कान्हड़ा, प्राचार्य मदनलाल, डा. नरेश श्योराण, मा. रामबीर श्योराण काकड़ौली इत्यादि मौजूद थे।