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बेखौफ दौड़ रहे अवैध सवारी वाहन, यातायात नियम दरकिनार

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : ट्रैफिक पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी अवैध सवारी वाहन चालकों पर लगाम

By Edited By: Published: Tue, 03 May 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 03 May 2016 01:00 AM (IST)
बेखौफ दौड़ रहे अवैध सवारी वाहन, यातायात नियम दरकिनार

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : ट्रैफिक पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी अवैध सवारी वाहन चालकों पर लगाम नहीं लग पा रही है। ये वाहन यातायात नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं। मुख्य मागरें पर सरपट दौड़ रहे वाहन क्षमता से अधिक सवारियां लाद कर चलते हैं। ऐसे में कोई भी सड़क हादसा हो सकता है। दो वर्ष पूर्व स्थानीय प्रशासन द्वारा शहर में अवैध वाहनों पर कड़ा शिकंजा कसा। जिसका असर रहा कि अब बाजारों में ये वाहन कम दिखाई देते हैं। इनके लिए निर्धारित पार्किंग स्टैंड पर ही इनकी भीड़ होती है। लेकिन क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने तथा तेज स्पीड में दौड़ने से कोई भी घटना हो सकती है। देखने में आता है कि एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में सवारियों से लदे ये वाहन तेजी से दौड़ाए जाते हैं। दादरी से रोहतक मार्ग सहित अन्य कई मार्गो पर अवैध सवारी वाहन बेखौफ दौड़ते हैं। इन वाहनों के पायदानों, छतों पर भी सवारियां बैठी होती है।

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प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी

जबकि कुछ साल पहले दादरी पुलिस प्रशासन द्वारा इन सब सवारी वाहनों से पायदान हटवाने के आदेश जारी किए थे। कुछेक ने आदेशों की पालना की लेकिन अभी भी अधिकतर वाहन चालक इन नियमों की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे। नगर के ढाणी रोड रेलवे क्रासिंग, बस स्टैड, नगर परिषद, पालिका बाजार, घिकाड़ा रोड, पुराना सरकारी अस्पताल इत्यादि स्थानों पर रोजाना सैकड़ों वाहन चालक सवारियां भरते दिखाई दे सकते है। चालक अपनी मनमानी करते हुए कहीं भी अपने वाहनों को बीच सड़क को खड़ा कर सवारियों को बैठाते है। जिससे जाम जैसे हालातों से लोगों को गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं वाहन चालक दुकानों के आगे भी अपने वाहनों को खड़ा करते है जिससे दुकानदारों को तो परेशानियां होती ही है साथ साथ पैदल चलने वाले राहगीरों को भी काफी मुसीबतें झेलनी पड़ती है।

राजस्व का हो रहा है घाटा

अवैध वाहन चालक रोडवेज को भी आर्थिक नुकसान पहुंचाने का कारण बने हुए है। लोग जल्दी अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए मजबूरी में इन वाहनों में सफर करते है। जिससे रोडवेज को सालाना लाखों का नुकसान वहन करना पड़ रहा है। निजी वाहनों के चलने से बसों में सवारियां कम होती है।

हर समय हादसों की आंशका

बेखौफ दौड़ने वाले अवैध वाहन इतनी तेज गति से चलते है जिससे हर समय हादसा होने की आंशका बनी रहती है। ऐसे वाहनों की संख्या ज्यादा है जो सवारियों को ठूस कर वाहन चलाते है तथा छतों पर लोगों को बैठाते है। लेकिन चालक की थोड़ी सी चूक कईयों की जिंदगी लील सकती है।


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