400 साल पुराना तालाब खस्ताहाल, सुध लेने की मांग
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : ऐतिहासिक धरोहर पुराने कुएं, जोहड़ इत्यादि भी समय की मार झेल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
ऐतिहासिक धरोहर पुराने कुएं, जोहड़ इत्यादि भी समय की मार झेल रहे हैं। इनके रखरखाव की तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। हालांकि कुएं, जोहड़ इत्यादि पानी का मुख्य स्त्रोत एवं साधन माने जाते हैं। अधिकतर गांवों में ये पूरी तरह खत्म हो गए हैं। गांव सांवड़ में 400 साल पुराना जोहड़ जिसे महंत हरिदास ने बनवाया था आज रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हाल में है। जिस कारण गांवों में पशुओं के लिए पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि समय के साथ कुछ राजनीतिक लोगों ने इस जोहड़ का मुआयना कर सुध लेने का आश्वासन भी दिया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो पाया। ग्रामीण लाल सिंह, सूबेदार जयसिंह, कैप्टन अजीत सिंह, सूबेदार जगदीश सिंह, ज्ञान चन्द्र शर्मा हिंडोल, पीपी शर्मा, सूबेदार राजेन्द्र सिंह शेखावत, लक्ष्मन सिंह, पूर्व सरपंच जयपाल चौबारला, मदन सिंह, प्रमोद कुमार, सूबेदार उदल सिंह, राम किशोर शर्मा, राजू परमार, धर्मवीर गागड़ान, पहलवान गिरवर सिंह इत्यादि ने बताया कि इस जोहड़ की चार दीवारी टूट चुकी है। यहां पुराने दिनों में गाव सांवड़, हिंडोल, लाम्बा, कोहलावास, साजरवास, फौगाट, सौंफ, कासनी के लोग पशुओं को पानी पिलाया करते थे। निरंतर अनदेखी के चलते अब इस जोहड़ में पक्षियों के लिए भी पानी का प्रबंध नहीं है।
ढाई लाख की राशि की थी मंजूर
गांव सांवड के जोहड़ के लिए पूर्व मंत्री सतपाल सागवान ने मुआयना किया था और जीर्णोद्धार के लिए ढ़ाई लाख रूपये मंजूर किए थे। लेकिन उनके चुनाव हारने के बाद यह कार्य नहीं हो सका। ग्रामीणों ने सरकार से जोहड़ की चार दीवारी बनवाने तथा यहां पशु-पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध कराने की माग की है।
सरकार को देंगे ज्ञापन
ग्रामीणों ने बताया कि वे इस मामले को लेकर सरकार को ज्ञापन देंगे। संबंधित अधिकारियों से पिछली सरकार के समय मंजूर की गई राशि को भी जारी करने की मांग की जाएगी।