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मोस्ट वांटेड कोलबीर के भाई ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : कस्बा बौंद कलां में कुख्यात अपराधी कोलबीर द्वारा 14 नवंबर 2012 को ग

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 07:58 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 07:58 PM (IST)
मोस्ट वांटेड कोलबीर के भाई ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

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कस्बा बौंद कलां में कुख्यात अपराधी कोलबीर द्वारा 14 नवंबर 2012 को गाव के ही दो भाईयों कुलदीप और राजेंद्र की गोली मारकर हत्या करने के मामले में आरोपी कोलबीर के भाई भीम सिंह ने बृहस्पतिवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। भीम सिंह अपने अन्य भाईयों सहित साधु वेश में कोर्ट में पहुंचा था। पुलिस इस मामले में पहले ही कोलबीर का एनकाउंटर कर चुकी है तथा उसके दो भाइयों नकुल और पवन को 19 नवंबर 2012 को मध्यप्रदेश के इदौर व पितरथला कस्बे से गिरफ्तार कर चुकी थी। ये दोनों इस मामले से बरी हो चुके हैं जबकि भीम सिंह अभी तक फरार चल रहा था। उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर 2012 को गाव बौंद कलां में खेतों में मोस्ट वांटेड अपराधी कोलबीर ने दो सगे भाइयों कुलदीप एवं राजेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान एक अन्य ग्रामीण जयप्रकाश भी घायल हुआ था। घायल ने घटना के तुरंत बाद बौंद पुलिस थाने का दरवाजा काफी देर तक खटखटाया लेकिन पुलिस कर्मियों ने रात्रि के समय दरवाजा तक नहीं खोला था जिसके चलते गुस्साए लोगों ने बौंद थाने को आग के हवाले कर थाने के अंदर और बाहर खड़े दो दर्जन से ज्यादा निजी व सरकारी वाहनों को भी आग लगा दी थी। ग्रामीणों ने थाने में रखा सारा रिकार्ड भी जलाते हुए मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया था। हालात यहां तक बन गए थे कि पुलिस अधीक्षक सहित सैकड़ों पुलिस कर्मियों को थाना छोड़कर भागना पड़ा था। उग्र भीड़ ने आरोपी कोलबीर के घर को भी आग के हवाले कर दिया था। उस समय पुलिस व ग्रामीणों में जमकर पथराव हुआ, जिसमें छह ग्रामीण और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस घटना में पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 15 नवंबर 2012 को कोलबीर सहित उसके भाई पवन, नकुल और भीम सिंह के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। मोस्ट वांटेड कोलबीर का 30 सितंबर 2013 को कलानौर-बौंद कलां के कच्चे रास्ते पर आईजी की स्पेशल टीम द्वारा एनकाउंटर कर दिया था। इससे पूर्व न्यायालय द्वारा 7 फरवरी 2013 को आरोपी भीम सिंह को भगौड़ा घोषित कर दिया गया था। हालाकि पुलिस ने आरोपी भीम सिंह को गिरफ्तार करने के लिए समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी भी की थी लेकिन वह पुलिस से हमेशा बचता रहा।

परिजनों सहित पहुंचा कोर्ट में

वीरवार को भीम सिंह अपने परिजनों सहित न्यायाधीश अनिल यादव की कोर्ट में पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी भीम सिंह द्वारा आत्म समर्पण करने की न तो पुलिस को जानकारी थी और न ही खुफिया विभाग को। न्यायालय में भीम द्वारा आत्मसमर्पण करने के कागजात पेश करने पर न्यायालय द्वारा पुलिस को इस संबंध में सूचित किया गया। सूचना मिलते ही बौंद कलां थाना पुलिस प्रभारी रमेश कुमार अपनी टीम के साथ न्यायालय में पहुचे और भीम सिंह को हिरासत में लिया।

कोलबीर का हुआ था एनकाउंटर

आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात ईनामी बदमाश कोलबीर के बारे में पुलिस को सूचना मिली कि वह कलानौर-बौंद रोड स्थित खेतों में छिपा हुआ है। सूचना के आधार पर रोहतक की आईजी टीम ने 30 सितंबर 2013 को इंस्पेक्टर आजाद सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर ली थी। पुलिस टीम को देखते ही कोलबीर ने फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया था। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने अपने बचाव में फायर किए जिसमें कोलबीर को करीब 10 गोलियां लगी थी और वह मौके पर ही मारा गया। पुलिस टीम को कोलबीर के पास से 2 पिस्तौल व 14 कारतूस भी बरामद हुए थे।


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