एचसीएच पास रिटायर्ड फौजी को संभालनी थी कुर्सी बन गया लुटेरा
अशोक ढिकाव, भिवानी यूं तो जहन में देश सेवा व प्रशासनिक सेवा का गजब का जज्बा, लेकिन रातोंरात अमीर ब
अशोक ढिकाव, भिवानी
यूं तो जहन में देश सेवा व प्रशासनिक सेवा का गजब का जज्बा, लेकिन रातोंरात अमीर बनने के ख्वाब ने हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा पास आर्मी से रिटायर्ड फौजी को नामी लुटेरा बना डाला। बेहोशी के इंजेक्शन लगाकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाला एचसीएच पास फौजी लूट की घटनाओं को अंजाम देने का मास्टर माइंड निकला। भिवानी में करीब 55 लाख रुपये के सामान की लूट को अंजाम देने के मामले में फंसे एचसीएच पास रिटायर्ड फौजी प्रशासनिक अधिकारी की कुर्सी संभालनी थी, लेकिन किस्मत ने उसे प्रदेश का नामी व मास्टर माइंड लुटेरा गिरोह का सरगना बना डाला।
प्रदेश जिला रोहतक छोटे से गांव अटायल निवासी देवेंद्र को महज 17 साल की उम्र में ही देश की रक्षा करने का जज्बा जुनून सवार हुआ। 22 साल की उम्र में वह शारीरिक परीक्षा पास कर देश सेवा के लिए आर्मी में भर्ती हो गया। आर्मी में नौकरी पूरी करने के बाद वह रिटायर्ड होकर करीब 7 साल पहले गांव आ गया। रिटायर्ड होने के बाद उसे वेतन की रक्षा के बाद प्रशासनिक सेवा में आकर समाजसेवा करने का जुनून सवार हुआ। आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद एचसीएच की तैयारी शुरू की। काफी मेहनत व लगन के बाद हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा अच्छे अंकों से पास की, लेकिन बदनसीबी व लालच ने उसे प्रशासनिक अधिकारी की कुर्सी नसीब नहीं होने दी। रातों रात करोड़पति बनने के ख्वाब ने गांव अटायल जिला रोहतक के देवेंद्र फौजी को मास्टर माइंड लुटेरा बना डाला। पांच सदस्यों का गैंग बनाकर बेहोशी के इंजेक्शन लगाकर वह लूट की वारदातों को अंजाम देने का मास्टर माइंड बन गया। ये खुलासा सीआइए एएसआइ मनजीत ¨सह के हत्थे चढ़े देवेंद्र ने खुद पुलिस के सामने किया है। पुलिस ने अटायल निवासी नरेंद्र, उसके साथी नरेंद्र, ईस्माइला निवासी जसवीर उर्फ लीला, सतबीर उर्फ बबलू, मोरखेड़ी निवासी राजबीर को तीन दिन पहले 55 लाख रुपये के सामान की लूट के मामले में गिरफ्तार किया था। रिटायर्ड फौजी देवेंद्र ने अपने गैंग के साथ मिलकर भिवानी के गांव बापोड़ा के समीप बिजली घर से बिजली लाइन डालने वाली कंपनी के चौकीदारों को 6 फरवरी की रात को बेहोशी के इंजेक्शन लगाकर वहां रखा करीब 55 लाख रुपये का सामान ट्रक में डालकर लूट ले गए थे। देवेंद्र व उसके चारों साथी अब जेल की सलाखों के पीछे भेज दिए गए हैं।