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आर्मी मेजर का बेटा बना एमएलए

अशोक ढिकाव, भिवानी : आर्मी मेजर के बेटे बिशम्बर वाल्मीकि ने जीत हासिल कर आरक्षित सीट बवानीखेड़ा हल्के

By Edited By: Published: Mon, 20 Oct 2014 06:24 PM (IST)Updated: Mon, 20 Oct 2014 06:24 PM (IST)
आर्मी मेजर का बेटा बना एमएलए

अशोक ढिकाव, भिवानी : आर्मी मेजर के बेटे बिशम्बर वाल्मीकि ने जीत हासिल कर आरक्षित सीट बवानीखेड़ा हल्के से वाल्मीकि समुदाय के नेता की जीत दर्ज करने का इतिहास रचा है। सर्व जातीय मेलजोल व देश भावना को लेकर चले बिशम्बर वाल्मीकि की जीत से बवानीखेड़ा को 60 साल के काग्रेस राज से छुटकारा मिला।

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गाव खरक में आर्मी परिवार में जन्मे बिशम्बर वाल्मीकि ने जन आदेश प्राप्त कर बवानीखेड़ा हल्के से पहली बार भाजपा की जीत के साथ ही वाल्मीकि समुदाय अनुसूचित जाति की राजनीति पकड़ को मजबूत बना दिया। उनके पिता ग्यासीराम लौहट आर्मी में मेजर के पद पर रिटायर्ड हुए। अब तक का इतिहास रहा है कि देश की आजादी के बाद इस सीट पर काग्रेस का ही वर्चस्व रहा। इनेलो व हजका इस सीट पर फाइट में जरूर आई, लेकिन कभी जीत हासिल नही कर पाई। जातीय आधार की राजनीति की बात करे तो दो बार अमर सिंह धानक व उनके बाद च मार जाति से ताल्लुक रखने वाले काग्रेसी नेता रामकिशन फौजी विधायक रहे। पिछले चुनाव में इनेलो प्रत्याशी आजाद सिंह वाल्मीकि दूसरे नंबर पर रहे थे। इस बार बिशम्बर वाल्मीकि की जीत से आरक्षित सीट के राजनीति मायने भी बदलते नजर आ रहे है।


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