गठबंधन टूटा पर नहीं टूटे दावेदारों के हौंसले
पार्टियों में शामिल होने के लिए प्रत्याशी दिन-रात बहा रहे पसीना
चुनावी हलचल
सुरेश गर्ग, चरखी दादरी :
भले ही हजकां-भाजपा गठबंधन अपनी पहली विधानसभा चुनावी वेला से पहले ही टूट गया हो लेकिन दादरी विधानसभा क्षेत्र में इन दोनों दलों के दावेदारों के जोश, उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। दर्जनों की संख्या में नए, पुराने पार्टियों में शामिल होने वाले टिकटों के लिए दिन रात पसीना बहा रहे हैं। इसके लिए प्रचार युद्ध के साथ-साथ दावेदार समर्थकों के साथ रोज पार्टियों के बड़े नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे है। पहले यहां यह माना जा रहा था कि गठबंधन न रहने की सूरत में हजकां, भाजपा के दावेदारों का शायद पहले जितना उत्साह न रहे लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। इसके विपरित पिछले चार पांच रोज से दावेदारों की संख्या कुछ ओर बढ़ी है। दोनों दलों की टिकटों को पाने की होड़ के पीछे कुछ कारण भी है और कुछ भ्रम की स्थिति भी। पिछले विधानसभा चुनाव में हजकां ने अकेले पहला विधानसभा चुनाव लड़ कर प्रदेश के कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में सफलता हासिल की थी। उनमें दादरी भी एक थी। इस क्षेत्र के जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के चलते हजकां से जुड़े लोग इसे अपनी परंपरागत सीट मानते रहे हैं। इस कारण से साथ लगती जाट बाहुल्य, बाढड़ा व लोहारु विधानसभा क्षेत्रों से अधिक हजकां के दावेदार दादरी क्षेत्र में है। इसी तरह चार माह पूर्व संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी धर्मबीर सिंह जहां बाढड़ा, लोहारु इत्यादि में पिछड़े वहीं दादरी हलके से बढ़त बनाने में कामयाब रहे। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित भाजपाइयों को लगता है उसी तर्ज के नतीजे विधानसभा के भी होंगे। इस कारण दादरी हलके से भाजपा के दो दर्जन के करीब दावेदार पूरे दम खम से तैयारियों में जुटे हुए हैं। इन हालातों में कहा जा सकता है दादरी विधानसभा क्षेत्र को लेकर इन दोनों दलों के दावेदारों की उम्मीदें गठबंधन टूटने के बाद भी बरकरार हैं।
प्रचार मैदान में भाजपाई आगे
गठबंधन टूटने के बाद भी भाजपा के दावेदारों का प्रचार युद्ध पहले की गति से जारी है। दादरी नगर के सभी चौराहों, दीवारों, सार्वजनिक स्थानों, बिजली के पोल, गांव के अड्डों इत्यादि भाजपा के दावेदारों के पोस्टर, होर्डिग्स, बैनर इत्यादि से अटे पड़े हैं। कई प्रमुख दावेदार कार्यकर्ता सम्मेलन के नाम पर हजारों की भीड़ एकत्रित कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। भाजपा की अपेक्षा हजकां की प्रचार सामग्री कुछ कम नजर आती है। लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नहीं दिखाई देती ।
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जनसंपर्क अभियान तेज
अभी तक न तो हजकां और न ही भाजपा ने दादरी विधानसभा क्षेत्र से अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है लेकिन दावेदार जनसंपर्क अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन दोनों दलों के टिकटार्थियों की लाउड स्पीकर, झंडे लगी दर्जनों गाड़ियां दौड़ती देखी जा रही है। टिकट मिलने से पहले ही दोनों दलों के करीब डेढ़ दर्जन दावेदार तो पिछले कई दिनों से घर घर जाकर जन संपर्क अभियान चला रहे हैं।
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दोनों जुटे तैयारियों में
हजकां-भाजपा का तीन वर्ष पुराना गठबंधन भले ही टूट गया हो लेकिन पहले की तरह दोनों दलों के दावेदारों की रोज बढ़ती गतिविधियों, सक्रियता व जोश खरोश को देखते हुए नहीं लगता उनमें जरा भी निराशा का भाव है। भाजपा में रोज नए चेहरे सामने आ रहे हैं वहीं हजकांई भी पूरी तैयारियों से मैदान में आने को तैयार है।