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इटरनेट बंद, अलर्ट पर रहा पुलिस-प्रशासन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : जाट आरक्षण आदोलन को लेकर रविवार को कड़ी सुरक्षा रही। धरना स्थलों पर का

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 01:01 AM (IST)
इटरनेट बंद, अलर्ट पर रहा पुलिस-प्रशासन
इटरनेट बंद, अलर्ट पर रहा पुलिस-प्रशासन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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जाट आरक्षण आदोलन को लेकर रविवार को कड़ी सुरक्षा रही। धरना स्थलों पर काला दिवस मनाए जाने को लेकर बहादुरगढ़ में पुलिस-प्रशासन का अमला पूरी तरह अलर्ट पर रहा। मोबाइल इटरनेट सेवाएं भी दिन भर बंद रही। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को लेकर लोग आशकित रहे। सड़कों पर कम वाहनों के कारण सन्नाटा सा रहा।

रविवार को आदोलनकारियों की ओर से काला दिवस की गतिविधि को लेकर एक दिन पहले ही चौकसी बढ़ा दी गई थी। यहा पर डीएसपी स्तर के अधिकारियों की निगरानी में पुलिस तैनात रही। शनिवार रात में ही पूरे शहर और ग्रामीण इलाके में स्थान चिन्हित करके नाकाबंदी की गई। हर जगह पुलिस टीमें और सुरक्षा बल तैनात किए गए। खुफिया एजेंसियों ने भी चप्पे-चप्पे पर निगाह रखी।

इटरनेट व बस सेवाओं पर रहा असर

काला दिवस की गतिविधि को लेकर यहा मोबाइल इटरनेट और बस सेवाओं पर असर पड़ा। 19 फरवरी की तरह ही फिर से बहादुरगढ़ से झज्जार और सिरसा, हिसार रूट पर बसों को बंद रखा गया। हालाकि सोमवार से ये सेवाएं पहले की तरह चलेंगी। वहीं बीएसएनएल की ओर से मोबाइल इटरनेट भी दोपहर के समय बंद कर दिया गया।

चौक-चौराहे पर तैनात रहे पुलिस व सुरक्षा बल के जवान

शहर और गावों में जहा-जहा नाकाबंदी की गई है, वहा पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीमें मुस्तैदी से तैनात रही। स्थिति पर हर पल कड़ी निगाह रखी गई। बीच-बीच में अधिकारियों ने भी पहुंचकर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। पुलिस के अलावा होमगार्ड जवानों को भी सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं शहर में कई स्थानों पर सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए।

सड़कों पर रहा सन्नाटा

रविवार को अमूमन सड़कों पर भीड़ कम ही होती है, लेकिन इस बार तो आदोलन के चलते इस दिन माहौल और भी जुदा रहा। सड़कों पर वाहन बेहद कम रहे। दूसरे कई जिलों से रोडवेज की बसें भी नहीं आई। मार्केट भी ज्यादातर बंद रही। ऐसे में लोग घरों से कम ही निकले। जिन्हे कहीं दूर जाना था वे फोन व व्हाट्सएप के जरिये सड़कों पर आवागमन की जानकारी लेते रहे। ऐसे लोग इस आशका में रहे कि कहीं घर से निकले और बीच रास्ते में कहीं मार्ग बाधित न मिल जाए, लेकिन ऐसा कहीं कुछ नही था। हर जगह शाति ही रही।

गतिविधियों पर रखी खूफिया नजर

जाट आरक्षण को लेकर धरने और दूसरी गतिविधि को लेकर खूफिया नजर भी रखी गई। किस-किस क्षेत्र से लोग धरना स्थलों पर काला दिवस मनाने गए, इसकी जानकारी जुटाई गई। उच्चाधिकारी भी पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे। धरना स्थलों पर कितनी भीड़ जुटी, इसका भी आकलन किया जाता रहा। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि बहादुरगढ़ में पूर्ण शाति है। अन्य जगहों से भी ऐसी ही रिपोर्ट है। पूरा अमला अलर्ट पर रखा गया। हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए इतजाम किए गए। वैसे भी बहादुरगढ़ में कही भी धरना नही है।

== क्षेत्र में पूर्ण रूप से शाति रही। सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इतजाम किए गए है। लोगों से शाति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई।

-मनीषा शर्मा, एसडीएम, बहादुरगढ़।

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सब कुछ सामान्य रहा। कानून व्यवस्था बनाए। रखना ही पुलिस की प्राथमिकता है। इसमें जन सहयोग भी लिया जा रहा है।

-भगत राम, डीएसपी, बहादुरगढ़।


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