अभिभावकों को अपने खर्च से खरीदनी होगी वर्दी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: आगामी शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
आगामी शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक के बच्चों को मिलने वाला वर्दी का पैसा सीधा उनके अकाउंट में नहीं डाला जाएगा। बच्चों की वर्दी खरीदने के बाद अभिभावकों को इसकी रसीद स्कूल में जमा करवानी होगी। इसके बाद विभाग द्वारा राशि जारी की जाएगी। शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को इस तरह के निर्देश दिए है। इन निर्देशों के आधार पर ही स्थानीय स्तर पर अमल किया जाना तय माना जा रहा है।
निजी काम के लिए पैसा इस्तेमाल कर लेते हैं अभिभावक
शिक्षा विभाग की तरफ से कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों को हर साल वर्दी खरीदने के लिए 800 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि शिक्षा विभाग के निदेशक कार्यालय से सीधा विद्यार्थियों के बैंक खातों में डाली जाती है। लेकिन कई बार अभिभावक विद्यार्थियों की वर्दी के लिए आई राशि को निकालकर अपने निजी काम में इस्तेमाल कर लेते हैं। जिसके कारण काफी विद्यार्थियों को पहनने को वर्दी नहीं मिल पाती और उन्हें साधारण कपड़ों में ही स्कूल जाना पड़ता है। ऐसे में विद्यार्थियों को स्कूल में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी के चलते विभाग के अधिकारियों ने निर्णय लिया कि भविष्य में वर्दी खरीदने के लिए पहले राशि जारी नहीं की जाएगी।
विभाग बना रहा पूरी प्रपोजल : चौपड़ा
इस बारे में बीइओ मदन चौपड़ा का कहना है कि गत 18 फरवरी को गुरुग्राम में सभी जिलों के डीइओ और डीइइओ की मीटिंग मौलिक शिक्षा के निदेशक ने ली थी। मीटिंग में कुछ जिलों से वर्दी के पैसों को लेकर बात उठी थी कि कई जगहों पर वर्दी का पैसा मिलने के बाद भी बच्चे बिना वर्दी के स्कूल आ रहे हैं। ऐसे में बैठक में विचार किया गया कि अभिभावक वर्दी खरीद लें और उसकी रसीद मिलने के बाद पैसा विद्यार्थियों के अकाउट में डलवा दिया जाए। विभाग ने इस प्रपोजल पर काम करना शुरू कर दिया है ताकि विद्यार्थियों को वर्दी मिल सके।