ब्रह्माकुमारी केंद्र में मना मातेश्वरी जगदंबा का स्मृति दिवस
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम प्रशासिका रही
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम प्रशासिका रही मातेश्वरी जगदंबा के स्मृति दिवस पर सेक्टर-2 स्थित शाति भवन मे रविवार को कार्यक्रम हुआ। इसमें गावों व शहर से भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मम्मा की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया और उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली मजलिस पार्क सेवा केंद्र से ब्रह्माकुमारी राज दीदी ने शिरकत की। उन्होंने मम्मा के ऊंचे स्वरूप, ऊंची स्थिति व ऊंचे ईश्वरीय कर्तव्यों का चित्रण उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि मातेश्वरी जगदंबा ने अपने नश्वर देह का त्याग कर शिव बाबा की गोद ली थी। तभी से यह दिवस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। मातेश्वरी पवित्रता और दिव्यता की तेजस्वी भव्य मूर्त थी। प्राणीगण उनके सन्मुख आते ही आत्मनिष्ठ हो जाते थे। 12 वर्ष की छोटी आयु से ही मम्मा ने राजयोग का गहन अभ्यास किया था और नैतिकता का ध्वज मजबूत से हाथों में लेकर माताओं व बहनों के साथ शिव शक्ति सेना का नेतृत्व किया। उनका रूहानी प्यार, ज्ञान गी गहराई ऐसी थी कि हर जन उन्हे मातृत्व स्वरूप में अनुभव करता था। बी.के. रेनु ने कहा कि ये मातेश्वरी की साकार स्मृतियों का वो दृश्य है जिसमें उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान से ओतप्रोत सटीक उत्तरों द्वारा उस समय सबको हैरान कर दिया था। ईश्वरीय विश्वविद्यालय बहादुरगढ़ शाखा की संचालिका बी.के. अंजलि ने मम्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कि कम उम्र में ही वे संस्था के प्रति समर्पित हो गई थीं। कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों ने मातेश्वरी के गुणों को जीवन में अपनाने का प्रण भी लिया।