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शव रखकर झज्जार चौक पर लगाया जाम, इकलौते बेटे का शव देखकर बेहोश हुई मा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : लाइनपार स्थित विकास नगर निवासी सचिन की मौत के मामले में कार्रवाई की

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 01:00 AM (IST)
शव रखकर झज्जार चौक पर लगाया जाम, इकलौते बेटे का शव देखकर बेहोश हुई मा
शव रखकर झज्जार चौक पर लगाया जाम, इकलौते बेटे का शव देखकर बेहोश हुई मा

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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लाइनपार स्थित विकास नगर निवासी सचिन की मौत के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर परिजनों ने शव रखकर शहर के झज्जार चौक पर जाम लगा दिया। शव के पास बैठ उसकी मा बिमला रोती-बिलखती रही और पुलिस से कार्रवाई की माग करती रही। बिमला का आरोप था कि उसके बेटे की दुर्घटना में मौत नहीं हुई उसकी हत्या की गई है। जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक वह अपने बेटे का शव यहा से नहीं उठाने देंगी। झज्जार चौक पर लगे जाम की वजह से रोहतक-दिल्ली रोड व झज्जार रोड पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में स्कूली बच्चों के साथ-साथ वीआइपी लोग भी फंस गए। मौके पर पहुंचे डीएसपी भगत राम ने परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसके बाद ही परिजनों ने लिखित शिकायत दी और कड़ी कार्रवाई की माग की। डीएसपी के आश्वासन पर परिजनों ने करीब दो घटे बाद जाम खोल दिया।

शहर के विकास नगर निवासी दलीप के लड़के सचिन(17) की दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। सचिन को 14 अप्रैल को लगी चोटों के कारण यह मौत हुई थी। पुलिस ने इस संबंध में उसी दिन सड़क हादसे की प्राथमिकी दर्ज कर जाच शुरू कर दी थी, मगर सचिन के होश में न होने से उसके बयान नहीं लिए जा सके थे। दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में सचिन की मौत हो गई और जैसे ही यह खबर विकास नगर में परिजनों को लगी तो वे भड़क गए और करीब सवा एक बजे भारी संख्या में आसपास के लोगों के साथ झज्जार चौक पर आ धमके। यहा पर परिजनों ने जाम लगा दिया लेकिन पुलिस ने तुरत उन्हे सड़क किनारे कर दिया। इसी बीच करीब पौने दो बजे दिल्ली से सचिन का शव जैसे ही झज्जार चौक पर पहुचा तो परिजनों ने शव को गाड़ी से उतारकर झज्जार चौक पर रख दिया और जाम लगा दिया। परिजनों को आरोप था कि सचिन की मौत सड़क हादसे में नहीं बल्कि उसे मारा गया है। जाम की सूचना मिलते ही थाना शहर प्रभारी संदीप व थाना सदर प्रभारी जसबीर तुरत दलबल के साथ मौके पर पहुचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में डीएसपी भगत राम मौके पर पहुचे और उन्होंने शिकायत देने की माग की और शिकायत मिलते ही मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों ने मौके पर ही लिखित में शिकायत डीएसपी को दी है। डीएसपी के आश्वासन पर करीब दो घटे बाद परिजनों ने शव को चौक से उठा लिया और जाम खोल दिया। बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

निखिल व रिया पर जताया शक

पुलिस को दी शिकायत में सचिन की मा बिमला देवी ने बताया कि 14 अप्रैल को टयूशन पर जाने के लिए उसके बेटे के पास मोहन नगर निवासी निखिल पुत्र शमशेर का फोन आया था। फिर सवा चार बजे निखिल के पापा का फोन आया कि सचिन का एक्सीडेट हुआ है और संजय अस्पताल में भर्ती है। विधायक नरेश कौशिक ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। वे तुरत मौके पर पहुचे और उन्होंने बताया कि सचिन, निखिल व रिया साथ थे और तीनों का एक्सीडेट हो गया। सचिन को चोट लगी है। सचिन की हालत ज्यादा नाजुक थी तो संजय अस्पताल से अगले दिन उसे पीजीआइ और फिर दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहा पर उसकी मौत हो गई। बिमला का आरोप है कि निखिल ने धोखे से उसके बेटे को बुलाया है और निखिल व रिया ने ही उनके बेटे की हत्या की है, ऐसे हमें शक है। इन दोनों से पूछताछ कर मामले की गहराई से जाच की जाए और मेरे बेटे को न्याय दिलाया जाए।

आइओ व निखिल के पापा पर लगाया बार-बार बयान बदले के लिए दबाव डालने का आरोप

सचिन के पिता दलीप ने बताया कि उसे तो स्कूटी भी नहीं चलानी आती लेकिन मामले के आइओ और निखिल के पापा ने उसे बार-बार बयान बदलने का दबाव दिया। उन्होंने साथ ही यह कहा कि ऐसा बयान दो कि स्कूटी वह चला रहा था और सचिन उसके पीछे बैठा था। डीएसपी भगत राम ने इसकी भी जाच करने का आश्वासन दिया।

फूट-फूटकर रोई मा, बेहोश होने से पहले बोली अब दोपहर में किसके लिए खाना बनाऊंगी

सचिन का शव देखकर उसकी मा फूट-फूटकर रोने लगे। वह बदहवाश होकर रोए जा रही थी। रोती-बिलखती बार-बार निखिल व उसके पापा और उस लड़की को मौके पर बुलाकर पूछताछ करने और उनके खिलाफ कार्रवाई की माग कर रखी थी। बेटे के शव को देखकर बिमला बेहोश हो गई। बिमला का कहना था कि मेरा बेटा दोपहर को हर रोज स्कूल से आता था तो वह उसे लाड प्यार से खाना बनाकर खिलाती थी। अब किसे खाना बनाकर खिलाऊंगी।

कर्जा लेकर पढ़ाया बेटे को, सोचा था कमाकर खिलाएगा

बिमला ने रोते हुए बताया कि मेरा तो एक ही बेटा था। वह 12वीं कक्षा के पेपर दे रहा था। एक बेटी भी वह उससे छोटी है। सचिन का पिता प्राइवेट नौकरी करता है। सचिन को पढ़ाने के लिए कर्जा लिया। सोचा था बेटा बड़ा होकर उन्हे कमाकर खिलाएगा। उसी पर ही पूरे परिवार की आस टिकी हुई थी। मगर अब तो उनका परिवार ही उजड़ गया है।

वीआइपी गाड़ी व स्कूली बच्चे जाम में फंसे, डीएसपी निकालने लगे तो आगे अड़ी महिलाएं

झज्जर चौक पर लगे जाम में एक जज की भी गाड़ी फंस गई। इसके अलावा स्कूली बसें भी जाम में फंसी हुई थी। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुचे डीएसपी भगत राम ने वाहनों को निकालना शुरू किया तो जाम लगाए बैठी वाहनों के आगे अड़ गई। उन्होंने पकड़कर इधर-उधर करना चाहा लेकिन बात नहीं बनी। डीएसपी ने महिला पुलिस भी बुलाई लेकिन महिलाएं कार्रवाई करने तक जाम न खोलने पर अड़ी रही।

शिकायत के आधार पर करेगे जाच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई:डीएसपी

डीएसपी भगत राम का कहना है कि इस मामले में सड़क हादसे की प्राथमिकी पहले ही दर्ज है। परिजनों ने लिखित शिकायत दी है जिसमें एक लड़का व लड़की पर हत्या का संदेह जताया है। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली से आएगी। दिल्ली से यह रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी।


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