छह माह में 40 हजार महिलाओं को बनाया जाएगा इटरनेट साक्षर
कृष्ण वशिष्ठ, बहादुरगढ़ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत जिला प्रशासन की ओर से ग्र
कृष्ण वशिष्ठ, बहादुरगढ़
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इटरनेट में दक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन की ओर से प्रथम चरण में छह माह में 40 हजार महिलाओं को इटरनेट साक्षर बनाया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में स्वयं सहायता समूह की अग्रणी 33 महिलाओं को इटरनेट साथी बनाया गया है। इन महिलाओं को गूगल और टाटा के सहयोग से ट्रेनिंग दी गई। एक-एक टैबलेट, स्मार्ट फोन और छह माह का मुफ्त इटरनेट कनेक्शन भी दिया गया है। एक महिला को चार गावों में कम से कम एक-एक हजार महिलाओं को इटरनेट साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया गया है। योजना का उद्देश्य हर ग्रामीण को इंटरनेट साक्षर बनाना है। जिससे सरकारी योजनाओं को आसानी से फायदा उठा सके।
झज्जर जिला प्रशासन इसके लिए सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इटरनेट साक्षर बनाने का निर्णय लिया है। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि अगर महिला को इटरनेट साक्षर बनाया जाएगा तो वह अपने परिजनों को भी इंटरनेट साक्षर बना सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इटरनेट साक्षर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह की 33 महिलाओं को इटरनेट साथी बनाया गया है। इन इटरनेट साथियों को अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के डीआरडीए हाल में दो दिन की ट्रेनिंग दी गई है। गूगल व टाटा ट्रस्ट के सहयोग से इटरनेट साथियों को एक-एक टैबलेट, एक-एक स्मार्ट फोन व छह माह के लिए मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन दिया गया है।
एनआरएलएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक योगेश पाराशर बताते है कि इंटरनेट साथियों को 4-4 गावों में मिशन के तहत गठित समूहों से जुड़ी महिलाओं को इंटरनेट से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी दी गई है।
ग्रामीणों को दूंगी इटरनेट की जानकारी : राजेश
अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय की मदद से ट्रेनिंग पाने वाली राजेश ने बताया कि उसे ट्रेनिंग में इटरनेट के बारे में काफी कुछ सिखाया गया है। ट्रेनिंग के दौरान मिले इस ज्ञान को वे ग्रामीणों में बाटेगी और ग्रामीणों को इटरनेट साक्षर बनाएंगी।
सरकार की पहल काफी अच्छी: सरिता
स्वयं सहायता समूह की सदस्य सरिता ने बताया कि ग्रामीणों को इटरनेट साक्षर बनाने की योजना काफी अच्छी है। इस योजना को बढ़ावा देने के लिए मुझे ट्रेनिंग मिली है। मैं गाव-गाव घूमकर लोगों को इटरनेट के बारे में पूरा ज्ञान दूंगी।
ग्रामीणों को इटरनेट साक्षर बनाने के लिए चलाई योजना: बागड़
अतिरिक्त उपायुक्त नरहरि बागड़ का कहना है कि आज का युग तकनीकी युग है। जो व्यक्ति तकनीकी जानकारी नहीं रखता वह व्यक्ति विकास की दौड़ में पिछड़ जाएगा। लोग कंप्यूटर व इटरनेट के माध्यम से घर बैठे सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उसका लाभ उठा सकते हैं। चूंकि गाव में लोगों को इटरनेट ज्ञान कम है, इसीलिए प्रशासन की ओर से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इटरनेट साक्षर बनाने की योजना चलाई है।