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कागजों में छेड़छाड़ कर तत्कालीन बीआइ को जारी कर दी एनओसी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : नगर परिषद के अधिकारियों का हर रोज एक नया कारनामा उजागर हो रहा है। अब

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 01:01 AM (IST)
कागजों में छेड़छाड़ कर तत्कालीन बीआइ को जारी कर दी एनओसी
कागजों में छेड़छाड़ कर तत्कालीन बीआइ को जारी कर दी एनओसी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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नगर परिषद के अधिकारियों का हर रोज एक नया कारनामा उजागर हो रहा है। अब ताजा मामला तत्कालीन भवन निरीक्षक की एनओसी को लेकर सामने आया है। ऑडिट ब्राच की ओर से भवन निरीक्षक की एनओसी पर आब्जेक्शन लगाने के बाद भी नप अधिकारियों ने उसमें छेड़छाड़ कर एनओसी जारी करने की बात उजागर हुई है। एनओसी प्रोफार्मा में कटिग कर यह एनओसी जारी की गई है। हैरत की बात तो यह है कि तत्कालीन बीआइ के कार्यकाल की फाइलों का अब तक आडिट पेंडिग है और जिनका ऑडिट हो चुका है उसकी रिकवरी भी नहीं है, ऐसे में नप अधिकारियों ने बीआइ की एनओसी जारी कर दी। बीआइ की एनओसी जारी करने की कार्रवाई से नप अधिकारियों की कार्यशैली पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए है।

ऐसे की छेड़छाड़

नगर परिषद के तत्कालीन भवन निरीक्षक सुशील कुमार का तबादला 31 अगस्त 2016 को यहा से जुलाना नगर पालिका में हो गया था। उसने नगर परिषद में एनओसी लेने के लिए आवेदन किया था। चूंकि सुशील कुमार के कार्यकाल की नक्शा फाइलों का ऑडिट नहीं हुआ था तो आडिट शाखा के ऑडिटर ने आवेदन के प्रोफार्मा पर लिख दिया ऑडिट पेंडिग, एनओसी नॉट अलाऊड। मगर जैसे ही यह प्रोफार्मा नप के अन्य अधिकारियों के पास गया तो उन्होंने दरियादिली दिखाते हुए इसमें छेड़छाड़ कर लिख दिया कि आडिट पेंडिग के आगे नो लिख दिया और एनओसी नॉट अलाऊड के बीच लिखा गया नॉट का काट दिया। इस तरह शब्द बन गया कि नो आडिट पेंडिग, एनओसी अलाऊड। यह छेड़छाड़ होते ही बीआइ को एनओसी जारी कर दी गई।

तबादला होने के बाद लेनी होती है एनओसी

दरअसल, कोई भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला होता है तो उसे संबंधित कार्यालय की सभी शाखाओं से एनओसी लेनी पड़ती है। यह इसीलिए कि संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर कोई पैसा, काम या कागजात बकाया तो नहीं है। अगर बकाया है तो उसे पूरा होने के बाद ही एनओसी जारी होती है। नप में आडिट शाखा, अभियंता शाखा, लेखा शाखा, फायर शाखा, सफाई निरीक्षक, भवन निरीक्षक, गृहकर शाखा, किराया शाखा और जन्म-मृत्यु शाखा की एनओसी ली जाती है।

एनओसी पर लगाया था आब्जेक्शन : दलाल

इस बारे में आडिटर जोगेंद्र दलाल ने बताया कि तत्कालीन भवन निरीक्षक सुशील कुमार की एनओसी पर उन्होंने खुद ही आब्जेक्शन लगाया था। अब उन्हे पता चला है कि मेरे द्वारा लिखी गई लाइनों में कटिग करके नप अधिकारियों ने बीआइ की एनओसी जारी कर दी है। यह कागजों में फर्जीवाड़ा है। जल्द ही आरएओ से सलाह करके इस बारे नप अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

छेड़छाड़ हुई है तो इसे चेक कराएंगे : मुकेश

इस बारे में नगर परिषद के सचिव मुकेश कुमार का कहना है कि अगर एनओसी के प्रोफार्मा में छेड़छाड़ हुई है तो इसे चेक कराया जाएगा कि किस स्तर पर यह छेड़छाड़ की गई है। जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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