साक्षी..साक्षी..और सिर्फ साक्षी
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ : अब तो जुबा पर एक ही नाम है। साक्षी..और सिर्फ साक्षी। बुधवार को यह स
जागरण संवाददाता, बहंादुरगढ़ :
अब तो जुबा पर एक ही नाम है। साक्षी..और सिर्फ साक्षी। बुधवार को यह साक्षात दिखा और सुना भी। रियो ओलंपिक की इस पदक विजेता बेटी की जीत के बाद से ही दिलों में उसके अभिनंदन को जो अरमान उमड़ रहे थे। वे उसके स्वदेश लौटते ही कहीं तो जय-जयकार बनकर निकले, कहीं चहकती मुस्कान तो कहीं आखों से ही आसू बनकर छलक पड़े।
साक्षी के सबसे पहले सम्मान का मौका बहादुरगढ़ को मिला। यहा हुए अभिनंदन ने साक्षी की विजयी चमक को एक बार तो इस कद्र बढ़ा दिया कि उसके आगे सूरज का तेज भी फीका नजर आया। जन-जन के अंदर खुद के लिए इतना प्यार पाकर साक्षी भी खुशी से फूली न समाई। जहा लोग स्वागत को उमड़े वहीं साक्षी के कदम भी ठहर गए। लोगों ने देश की इस बेटी के उत्साह को चरम तक पहुंचाने में कोई कंजूसी नहीं की और साक्षी ने भी जन भावनाओं को हाथोंहाथ लिया। हर बुजुर्ग महिला से साक्षी ने हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया। सभी ने उन्हे गले लगा दिया। बेटी की ऐसी अगुवानी देख काफी महिलाओं की भावनाएं तो आसू बनकर आखों से छलक पड़े। भीगी आखों से उन्होंने साक्षी को एक पल के लिए इस तरह ममतामयी आचल में छुपा लिया, मानों वह उन्हीं की कोख से जन्मी हो। बुजुर्ग पुरुष भी जहा देखो वहा कतारबद्ध थे। हर किसी में साक्षी की एक झलक पाने की बेताबी थी। टीवी पर जिस दिन से साक्षी को जीतते देखा तभी से उनके अंदर यह हसरत थी। जब तक साक्षी शहर में रही, तब तक उनका जादू भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता रहा। हर कोई बेटी के कमाल से रूबरू होने पहुचा था। शहर में आगमन से लेकर रवाना होने तक जहा भी साक्षी की मौजूदगी रही, वहा जोश में डूबे लोगों की एड़ी तक नहीं टिक पा रही थी। सरकार की तरफ से हुए अभिनंदन समारोह में तो हर कोई खींचा चला आया था। यहा महिलाओं ने जिस तरह गुब्बारों के गुच्छों से लेकर ढोल-तपाशे सरीखी बजती तालियों से साक्षी को विजयी शुभकामना दी, वह नजारा हर बेटी का उत्साह बढ़ाने वाला था।
बेटियों के संरक्षण का संदेश
साक्षी का प्रदेश में पहला अभूतपूर्व स्वागत उसी झज्जार जिले की भूमि पर हुआ, जो एक समय में बेटियों की घटती आबादी का कलंक झेल चुका है, मगर अब सुधार की राह पर है। यहा पर साक्षी के सत्कार समारोह से सरकार ने इस जिले की माटी से सभी को बेटियों के संरक्षण का बड़ा संदेश भी दिया।
बेटी नै तै कमाल कर दिया
समारोह की भीड़ के बीच मन ही मन मुस्करा रहीं उम्र दराज महिलाओं ने जब साक्षी के गुणगान और सम्मान का नजारा देखा तो उनकी भावनाएं जुबा पर आने से न रुक पाई। ठेठ हरियाणवीं लहजे में कई महिलाएं बोल ही पड़ी कि 'इस बेटी नै तै कमाल कर दिया, इसी बेटी तै सबकै घर मैं हो'।