शहर के युवाओं के विकास में छिपा है शहर का विकास
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर में शिक्षा को लेकर बुद्धिजीवी तबका काफी चिंतित है। खास तौर पर उच्च शि
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर में शिक्षा को लेकर बुद्धिजीवी तबका काफी चिंतित है। खास तौर पर उच्च शिक्षा और विशेषज्ञता वाले पाठयक्रम को लेकर काफी समय से चिंता व्यक्त की जाती रही है। शहर के हर तबके की यह मांग है कि शहर की जरूरत के हिसाब यहां विश्वविद्यालय काफी पहले बन जाना चाहिए था। शिक्षा विकास का एक महत्वपूर्ण मानदंड है, जिसके विकास में शहर काफी पीछे छूट गया है।
लोगों ने कहा
शहर में सरकारी विश्वविद्यालय की जरूरत है। निजी विश्वविद्यालयों में केवल साधन संपन्न लोग पढ़ सकते हैं। दूसरी ओर संतुलित पाठयक्रम भी सरकारी विश्वविद्यालय में होगा। मेरा मानना है कि गुड़गांव में विश्वविद्यालय होना ही चाहिए। उसमें आध्यात्मिक और नैतिक विकास के पाठयक्रम भी शामिल किए जाने चाहिए ताकि नैतिक विचारों वाले आदर्श युवा देश को मिल सके।
- ब्रह्मा कुमारी उर्मिल, निदेशक, पालम विहार ओम शांति रिट्रीट
उच्च शिक्षा के लिए मध्यमवर्गीय बच्चों को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। मिलेनियम सिटी का विकास तभी सार्थक कहलाएगा, जब यहां की जरूरत के हिसाब से आम बच्चे को उपलब्ध पाठयक्रम सरकार उपलब्ध कराए। यह सरकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से ही संभव है।
- डा. सविता उपाध्याय, शिक्षिका, इफ्को कॉलोनी
यहां दुनिया भर की कंपनियों के दफ्तर हैं, मगर स्थानीय बच्चे बेरोजगार हैं। वजह है उच्च शिक्षा और आज की जरूरत के मुताबिक शिक्षा के लिए संस्थान का अभाव। निजी संस्थान हैं मगर वे कुछ खास किस्म के पाठयक्रम के लिए है। सरकार को यहां बहुत पहले विश्वविद्यालय बना देना चाहिए था। स्थानीय बच्चे तभी योग्य बन सकेंगे और उन्हें अच्छे रोजगार मिलेंगे।
- ब्रह्माो कटारिया, पूर्व पार्षद, दयानंद कालोनी
शहर का विस्तार लगातार हो रहा है मगर उस हिसाब से शिक्षा का विकास नहीं हुआ है। यह गुड़गांव के लिए दुर्भाग्य की बात है कि इसे मुद्दा बनाने की जरूरत लोगों को पड़ रही है। गुड़गांव विश्वविद्यालय होना ही चाहिए। वहां ऐसे पाठयक्रम पढ़ाए जाएं, जिनसे गरीब परिवार के बच्चे भी तकनीकी, कॉरपोरेट और उद्योग जगत की आज की जरूरत को पूरा करने वाली शिक्षा ले सकें।
- भूपेन्द्र यादव, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सेक्टर-40