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फर्जी दस्तावेज दिखा कनाडा भेजने का दिया प्रलोभन, 10 लाख हड़पे

-दूतावास से पूछताछ में सच उजागर, आरोपी परिवार से बेदखल -जल्द होगी एफआइआर दर्ज, एसपी

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 03:01 AM (IST)
फर्जी दस्तावेज दिखा कनाडा भेजने 
का दिया प्रलोभन, 10 लाख हड़पे
फर्जी दस्तावेज दिखा कनाडा भेजने का दिया प्रलोभन, 10 लाख हड़पे

-दूतावास से पूछताछ में सच उजागर, आरोपी परिवार से बेदखल

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-जल्द होगी एफआइआर दर्ज, एसपी को दी थी शिकायत

राजीव ऋषि, अंबाला शहर

फर्जी दस्तावेज दिखाकर शहर की बादशाही बाग कालोनी निवासी भूपेंद्र ¨सह के बेटे सिमरनजीत ¨सह को कनाड़ा भेजने का प्रलोभन देकर चंडीगढ़ के सेक्टर-19 निवासी कबूतरबाज गुरप्रीत ¨सह सहोता ने 10 लाख रुपये हड़प लिए। पंजाब के जिला मोहाली, कस्बा खरड़ निवासी सगे भाई के माध्यम से भुक्तभोगी परिवार ठगी के आरोपी के संपर्क में आया। उसके बाद हुए इकरारनामे के माध्यम से आधे पैसे नकद दिए गए, बाकी के पैसे आरोपी ने बैंक के चेक लगाकर निकाल लिए, जो बातचीत के दौरान सिक्योरिटी के तौर पर दिए गए थे। ई-मेल के माध्यम से सारे दस्तावेज व टिकट भेजे गए। आरोपी ने पहली बार टिकट रद होने की बात कह कर पीड़ित को गुमराह किया, उसके बाद फोन तक सुनना बंद कर दिया। इससे शक हुआ और भुक्तभोगी परिवार ने दूतावास में जाकर पूछताछ की तो फर्जीवाड़े की परतें खुलती चली गई। तमाम दस्तावेजों का दूतावास से कोई लेना-देना नहीं पाया गया।

साल 2015 में हुए इस घटनाक्रम में अपने स्तर पर किए गए समझौते के प्रयास सिरे न चढ़ने पर पीड़ित परिवार ने 27 जून को एसपी अभिषेक जोरवाल को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की गई। आर्थिक अपराध की जांच में ठगी के सबूतों के साथ सामने आया कि आरोपी को संदिग्ध गतिविधियों के कारण परिवार बेदखल कर चुका है। कोतवाली थाने में जल्द एफआइआर दर्ज होने की उम्मीद है।

शिकायत के अनुसार तीन बच्चों का पिता भूपेंद्र ¨सह बहादुरगढ़ में प्राइवेट नौकरी करता है। दो साल पूर्व उसका भाई दीदार ¨सह जब चंडीगढ़ में अपने जानकारों दूबे व कंवरजीत ¨सह से मिलने गया तो वहां उसकी मुलाकात गुरप्रीत ¨सह से हुई। गुरप्रीत ने बताया कि वह लोगों को विदेश भेजता है। इसके बाद दीदार ¨सह ने 27 अक्टूबर 2015 को भूपेंद्र व गुरप्रीत की मुलाकात करवाई। विश्वास दिलाया कि वह सिमरनजीत को पक्के तौर पर कनाड़ा भिजवा सकता है। 15 लाख रुपये की मांग के साथ-साथ भरोसा दिलाया कि पूरे कागजात तैयार होने के बाद ही वह पैसे लेगा। 11-12 महीने का समय मांगा गया। 28 नवंबर को इकरारनामा तैयार किया गया, जिसमें दोनों तरफ से चार लोगों ने हस्ताक्षर किए। उसी दौरान तीन चेकों से पांच लाख रुपये का भुगतान करते हुए बकाया काम होने के बाद लेने की बात कही गई और घर से सिक्योरिटी के तौर पर कुछ चेक ले गए।

गुरप्रीत ने अपने ई-मेल से राहुल को कुछ दस्तावेज व टिकट भेज दिए। अगले दिन फोन पर कहा कि किन्हीं कारणों से सिमरनजीत को भेजने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, टिकट रद करवाना पड़ा है। 15 मई 2016 को दोबारा टिकट भेजा गया, पुराने एक्नॉलेज लेटर की समयावधि पूरी होने की बताते हुए ई-मेल से दूसरा नया लेटर भिजवा दिया। उसके बाद फोन तक सुनने बंद कर दिए। उसी दौरान पता चला कि उनके खाते से आरोपी ने बाकी पैसे निकलवा लिए हैं। आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज इंस्पेक्टर मनीष शर्मा के अनुसार शिकायत की जांच में कबूतरबाजी के सबूत मिले हैं। अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवा दिया दिया जाएगा। उन्हीं के आदेशानुसार कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।


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