तोड़फोड़ के सबूत नहीं पेश कर पाया स्कूल, चार बरी
जागरण संवाददाता, अंबाला : स्कूल में तोड़फोड़ व मारपीट करने के आरोपों को छावनी के स्ट
जागरण संवाददाता, अंबाला : स्कूल में तोड़फोड़ व मारपीट करने के आरोपों को छावनी के स्टाफ रोड पर स्थित सेसिल कान्वेंट स्कूल अदालत में पुख्ता साबित नहीं कर पाए। इसीलिए कोर्ट ने इस मामले में घिरे में तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत में यह मामला करीब तीन साल तक चला। कोर्ट के फैसले से जहां तीनों लोगों ने राहत की सांस ली है तो वहीं स्कूल को झटका लगा है।
मामला 13 मई 2013 का है। सदर थाना प्रभारी अंबाला छावनी को सेसिल कान्वेंट स्कूल के प्रि¨सपल ने शिकायत देकर आरोप लगाया था कि 13 मई की सुबह 6 बजे स्कूल में बसों के चालक व परिचालक बसों को लेकर बच्चों को लेने के लिए जाने लगे थे इसी बीच मोटर साइकिल पर सवार होकर कुछ लोग आए और बसों के चालक को रोककर उन्हें अपशब्द बोलने लगे। इसके बाद लोगों ने मारपीट की। प्रि¨सपल ने आरोप लगाए कि तीनों लोगों ने हड़ताल के दौरान बसें चलाने पर जान से मारने की धमकी दी थी और बसों में तोड़फोड़ करने की बात कहीं थी। सभी लोगों ने स्कूल की ओर से फोटो भी खींचकर पुलिस को सौंपी गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने बब्याल के आनंद नगर निवासी गोपाल, बोह निवासी बालकिशन, केसरी निवासी मनप्रीत, र¨वद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ¨प्रसिपल ने कहा कि उक्त लोगों के हंगामे के चलते उनकी स्कूल की बसें आधा घंटा देरी से चली। तीनों लोगों की तरफ से एडवोकेट तरुण दत्ता और सुखप्रीत ¨सह ने अदालत में उनका पक्ष रखा और घटना से संबंधित सबूत मांगे। लेकिन सेसिल कान्वेंट स्कूल के प्रि¨सपल अदालत में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में यह अपील रखी गई थी कि केंद्र सरकार ने स्कूल ड्राइवरों के लिए एक नियम लागू किए थे। इसी के विरोध में सभी ड्राइवर हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के चलते ही स्कूल के ड्राइवर को रोका गया था। अदालत ने बचाव पक्ष के दलीलों को सही मानते हुए यह फैसला सुनाया है। अदालत के फैसले से विभिन्न आरोपों के घिरे में लोगों को राहत की सांस ली है।