मानसून ने बचाई सरकार की साख, 10 लाख सीमेंट के कट्टों का करार
दीपक बहल, अंबाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदे
दीपक बहल, अंबाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश में सीमेंट की सप्लाई बंद होने के कारण रुके हजारों विकास कार्य अब आरंभ होंगे। सीमेंट कंपनी और राज्य सरकार के बीच सीमेंट के कट्टों के दाम को लेकर चल रहा विवाद सुलझ गया है। मानसून में सीमेंट की बिक्री कम होती है, ऐसे हालत में सीमेंट कंपनी ने पुराने दामों पर सितंबर में 10 लाख सीमेंट के कट्टे देने का करार राज्य सरकार से कर लिया है। महज अंबाला जिले में सीमेंट न मिलने के कारण 128 प्रोजेक्ट बंद हो गए थे जिन्हें अब हरी झंडी मिलेगी। सरकार-सीमेंट कंपनी के बीच सीमेंट सप्लाई का टेंडर अप्रैल माह में ही खत्म होने के बाद दाम को लेकर विवाद हो गया था।
आपूर्ति निदेशालय का श्रीसीमेंट कंपनी से करार पूरे होने के बाद सीमेंट कंपनी पुराने दाम पर छह माह सीमेंट देने के लिए राजी थी लेकिन अफसरों ने इन्कार कर दिया। सीमेंट की सप्लाई के लिए पुन : टेंडर कॉल किया गया। नया टेंडर कॉल होने के बाद सीमेंट कंपनियों ने उक्त दामों से अधिक पर बेचना तय किया। प्रति बोरी 10 से 15 रुपये की वृद्धि देखते सरकार ने हाथ पीछे खींच लिए। दोनों में विवाद के चलते राज्य सरकार पर करोड़ों का बोझ अतिरिक्त पड़ रहा था। मानसून में सीमेंट की ब्रिकी कम होती है। ऐसे हालत में सीमेंट कंपनी ने सरकार को प्रस्ताव दिया कि सितंबर माह तक दस लाख सीमेंट की बोरियां पुराने दाम पर ही सप्लाई कर दी जाएगी। सरकार ने प्रस्ताव मान लिया क्योंकि अंबाला ही नहीं बल्कि प्रदेश में विकास के कार्य रुक पड़े थे। सरकार ने भी अपनी साख बचा ली। इतना ही नहीं कुछ विकास कार्यों में ठेकेदार पर सीमेंट लेना निर्भर करेगा कि वह कंपनी से खरीदें या फिर किसी दुकानदार से। नाले-नालियां, आंगनबाड़ियां व कंकरीट गलियां बनाने के रुके कार्य अगस्त माह में आरंभ होने की उम्मीद है।
इस बारे में खनन एवं भूगर्भ मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अब सरकारी सीमेंट की सप्लाई शुरू हो गई है। प्रदेश के विकास कार्यो को गति मिलेगी।