धक्का-मुक्की में सिर फटा, पहले नकदी ली फिर कराया उपचार
जागरण संवाददाता, अंबाला : नोटबंदी के बाद जारी नकदी संकट अब गंभीर होता जा रहा है। रोज
जागरण संवाददाता, अंबाला : नोटबंदी के बाद जारी नकदी संकट अब गंभीर होता जा रहा है। रोजाना बैंक व एटीएम की लाइनों में लोगों का धैर्य टूट रहा है। बुधवार को भी एसबीआइ की निकलसन रोड ब्रांच पर जो व्यक्ति सुबह सात बजे से गेट के बाहर आकर खड़ा हो गया था उसे जब बैंक खुलने का समय आया तो पीछे खड़ी भीड़ ने ऐसा धक्का मारा कि आगे ग्रिल गेट से टकरा कर उसका सिर फट गया। उसे छावनी सिविल अस्पताल में उपचार करना पड़ा। हालांकि, सिर पर चोट आने के बावजूद उसे महज दो हजार रुपये ही नसीब हुए।
छावनी के पटेल नगर निवासी शीतल प्रसाद अपनी रिटायरमेंट पेंशन लेने के लिए बैंक आया था। शीतल प्रसाद के मुताबिक वह कई दिनों से कैश के लिए परेशान था इसलिए वह सुबह सात बजे ही बैंक के दरवाजे पर आकर डट गया था। बैंक खुलने तक उसके पीछे लगभग सौ लोगों की लाइन लग चुकी थी। बैंक खोलने के वक्त सुरक्षा गार्ड उन्हें पीछे हटाने लगा। जैसे ही बैंक का गेट खुला तो पीछे से भीड़ ने दबाव बनाते हुए धक्का मारा। इस दौरान उसका सिर मुख्य गेट की ग्रिल से जा टकराया। इस हादसे में उसका सिर फट गया। इसके बावजूद खाली जाना उसे कतई गंवारा नहीं था। ऐसे में वह बैंक में ही डटा रहा। बैंक कर्मियों ने सिर्फ दो हजार दिए जबकि खाते में पेंशन के 11 हजार रुपये आए हैं। शीतल प्रसाद के मुताबिक इतना सब होने के बावजूद भी उसे रकम नहीं मिली अब दोबारा फिर से इन्हीं हालात से गुजरना पड़ेगा।