करियाना स्टोर संचालक ने सरेंडर किए 10 लाख रुपये
जागरण संवाददाता, अंबाला : नोटबंदी के दौरान खातों में आय से अधिक संपत्ति और पुराने नोट जमा
जागरण संवाददाता, अंबाला : नोटबंदी के दौरान खातों में आय से अधिक संपत्ति और पुराने नोट जमा कराने वाले कारोबारियों पर अंबाला आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दो दिन पूर्व की कार्रवाई में जहां सवा तीन करोड़ रुपये कारोबारी ने सरेंडर किए थे, वहीं दूसरी ओर शुक्रवार दोपहर बाद शुरू हुई कार्रवाई के बाद छावनी के एसएस एंटरप्राइजेज संचालक ने 10 लाख रुपये सरेंडर कर दिए। कार्रवाई से दिनभर छावनी में हड़कंप मचा रहा।
इससे पहले 27 फरवरी को एक साथ पांच अलग-अलग जगहों पर आयकर विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब सवा करोड़ रुपये सरेंडर कराए थे। शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे संयुक्त आयकर आयुक्त अंबाला लगन संधू घुमन की अगुवाई में आयकर विभाग की टीम छावनी की गुड मंडी में स्थित एसके एंटरप्राइजेज पर पहुंची। करियाना स्टोर संचालक ने नोटबंदी के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक पुराने व सेल कर नये नोटों खातों में जमा कराए थे, जबकि इसकी आय इतनी बनती ही नहीं थी। इसी की जांच के लिए आयकर विभाग की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया था। इसके बाद टीम ने सारा आय व्यय का ब्यौरा खंगालना शुरू किया। देखा कि क्या वास्तव में दुकान में इतना समान था भी या नहीं जितने की सेल दिखाई गई थी। इसके अलावा दुकानदार से पुराने नोटों का हिसाब भी मांगा गया जिसे वह देने में नाकाम रहा और अंत में उसने 10 लाख रुपये सरेंडर कर दिए। इनमें पांच लाख टैक्स भरना होगा व ढाई लाख रुपये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में जमा कराने होंगे। यह राशि चार साल से पहले नहीं निकाली जा सकती न ही इस पर बाद में कोई ब्याज मिलेगा।
सात दिन शेष, फिर भरना होगा तीन गुणा टैक्स
नोटबंदी के दौरान व संपत्ति से अधिक आय वाले 31 मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरेंडर कर सकते हैं। ऐसा करने पर अघोषित संपत्ति का 50 प्रतिशत टैक्स भरना होगा। इसके अलावा कुल अघोषित संपत्ति का 25 प्रतिशत बैंक में चार साल के लिए बिना किसी ब्याज के जमा कराना होगा। 31 मार्च के बाद तीन गुणा टैक्स भरना होगा।